हाइड्रोजन छोड़ ‘डिलीट बम’ पर क्यों अटक गए Rahul Gandhi? समझिए पर्दे के पीछे की कहानी!
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना
Rahul Gandhi Hydrogen Bomb: कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर जोरदार हमला बोला है. इस बार उन्होंने हाइड्रोजन नहीं, ‘डिलीट बम’ फोड़ा है. उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि हजारों लोगों के नाम वोटर लिस्ट से डिलीट किए जा रहे हैं. इसके पीछे एक पूरा सिस्टम काम कर रहा है. हालांकि, बिहार में जिस हाइड्रोजन बम का दावा राहुल ने किया था, वो कहीं दिखाई नहीं दिया. आखिर ये माजरा क्या है? क्यों अचानक राहुल ने अपना टारगेट बदला? आइए, सबकुछ विस्तार से समझते हैं..
राहुल का ‘बम’ वाला हमला
राहुल गांधी ने एक बार फिर से चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया. उनका कहना है कि देश में वोटर लिस्ट के साथ बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ हो रही है. कैसे? फर्जी कॉल सेंटर्स, नकली मोबाइल नंबर और OTP के जरिए वोटरों के नाम जोड़े और हटाए जा रहे हैं. राहुल ने दावा किया कि कर्नाटक सीआईडी ने पिछले 18 महीनों में 18 बार चुनाव आयोग को पत्र लिखे, जिसमें IP एड्रेस, OTP ट्रेल्स, और पोर्ट्स की जानकारी मांगी गई, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एक भी जवाब नहीं दिया. इतना ही नहीं, कर्नाटक चुनाव आयोग ने भी केंद्र को चिट्ठी लिखी, मगर वहां से भी सन्नाटा.
असली हाइड्रोजन बम अभी बाकी है- राहुल गांधी
राहुल ने चेतावनी दी कि ये तो बस शुरुआत है. असली ‘हाइड्रोजन बम’ अभी बाकी है, जो चुनावी गड़बड़ियों के सारे राज खोल देगा. लेकिन सवाल ये है कि ‘हाइड्रोजन बम’ की बात छोड़कर वो ‘डिलीट बम’ पर क्यों आ गए? क्या ये सिर्फ एक ट्विस्ट है या फिर कोई बड़ा गेमप्लान? क्यों बदला ‘बम’ का नाम? राहुल गांधी ने पहले ‘हाइड्रोजन बम’ का जिक्र किया था, जो सुनकर सबके कान खड़े हो गए थे. लेकिन अब वो ‘डिलीट बम’ की बात कर रहे हैं.
जानकारों का मानना है कि राहुल इस मुद्दे को लंबे समय तक जिंदा रखना चाहते हैं, खासकर बिहार और बंगाल के आगामी चुनावों को देखते हुए. ‘वोट चोरी’ का मुद्दा उठाकर वो जनता में शक का बीज बोना चाहते हैं, ताकि लोग EVM और चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाएं. ये रणनीति न सिर्फ कांग्रेस को सुर्खियों में रखेगी, बल्कि बीजेपी को भी बैकफुट पर ला सकती है.
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राहुल के 10 तीखे तीर
राहुल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई गंभीर सवाल उठाए, जो कुछ यूं हैं….
‘हाइड्रोजन बम’ का इंतजार: राहुल ने कहा कि अभी तो छोटे-मोटे ‘बम’ फूटे हैं, असली धमाका अभी बाकी है, जो सारी सच्चाई सामने लाएगा.
चुनाव आयुक्त पर निशाना: उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर सवाल उठाए और कहा कि उनकी चुप्पी संदेह पैदा करती है.
EVM में पारदर्शिता की मांग: राहुल का कहना है कि जब तक EVM में 100% पारदर्शिता नहीं होगी, जनता का भरोसा नहीं जीता जा सकता.
‘वोट चोरी’ का इल्जाम: उन्होंने दावा किया कि चुनावी नतीजे सिर्फ वोटों से नहीं, बल्कि गड़बड़ियों से तय हो रहे हैं.
निष्पक्ष जांच की मांग: राहुल ने कहा कि इन आरोपों की जांच होनी चाहिए, वरना लोकतंत्र खतरे में पड़ सकता है.
चुनाव आयोग की चुप्पी: उन्होंने पूछा कि आयोग उनकी शिकायतों पर खामोश क्यों है? क्या सरकार का दबाव है?
आयुक्तों की नियुक्ति पर सवाल: राहुल ने कहा कि सरकार का नियुक्ति प्रक्रिया पर दबदबा निष्पक्ष चुनावों के लिए खतरा है.
लोकतंत्र पर खतरा: उनका कहना है कि ये सिर्फ कांग्रेस का नहीं, पूरे देश के लोकतंत्र का मुद्दा है.
मीडिया को ललकार: राहुल ने मीडिया से इस मुद्दे को उठाने की अपील की, वरना लोकतंत्र मुश्किल में पड़ सकता है.
आंदोलन की तैयारी: उन्होंने ऐलान किया कि कांग्रेस इस मुद्दे पर देशभर में आंदोलन चलाएगी और जनता को जागरूक करेगी.
बीजेपी का पलटवार
राहुल के बयान के बाद बीजेपी ने भी मोर्चा संभाल लिया. बीजेपी के बड़े नेता रविशंकर प्रसाद और अनुराग ठाकुर ने राहुल पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि राहुल बिना सबूत के बयानबाजी कर रहे हैं. अनुराग ठाकुर ने कहा राहुल देश के बढ़ते कदम को कमजोर करना चाहते हैं. पहले भी कई बार उन्होंने आरोप लगाए और कई बार माफी मांगी. इसके पीछे टूलकिट गैंग सक्रिय है. राहुल गांधी घुसपैठियों को बचाना चाहते हैं.
क्या राहुल का ‘हाइड्रोजन बम’ वाकई फटेगा? या ये सिर्फ एक सियासी ड्रामा है? ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि राहुल ने चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा कर एक बड़ा दांव खेल दिया है.