1 लाख सिम, 300 सर्वर और साजिश का ताना-बाना…न्यूयॉर्क में सायबर हमले का खतरनाक प्लान फेल!

सीक्रेट सर्विस की एडवांस्ड थ्रेट इंटरडिक्शन यूनिट ने होमलैंड सिक्योरिटी, नेशनल इंटेलिजेंस, NYPD और कई स्थानीय एजेंसियों के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. जैसे ही सिग्नल्स का पता चला, कई ठिकानों पर छापेमारी शुरू हो गई. एक के बाद एक सिम फार्म्स और सर्वर बरामद हुए.
UNGA 2025

अमेरिका को दहलाने की रची जा रही थी साजिश

UNGA 2025: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के शोर-शराबे के बीच न्यूयॉर्क में एक ऐसी साजिश का पर्दाफाश हुआ, जिसने सबके होश उड़ा दिए. अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने एक बड़े ऑपरेशन में 1 लाख से ज्यादा सिम कार्ड और 300 से अधिक सर्वर जब्त किए हैं. इस सिम और सर्वर से न्यूयॉर्क के टेलीकॉम नेटवर्क को ठप करने की साजिश रची जा रही थी. ये साजिश इतनी खतरनाक थी कि अगर कामयाब हो जाती, तो मोबाइल टावर बंद हो सकते थे, इमरजेंसी कॉल्स जैसे 911 रुक सकते थे.

क्या थी ये साजिश?

जरा सोचिए. न्यूयॉर्क जैसे व्यस्त शहर में अचानक फोन नेटवर्क ठप. न कोई कॉल, न मैसेज, न इंटरनेट. ऐसा ही कुछ करने की योजना थी इस साजिश के पीछे. सीक्रेट सर्विस को न्यूयॉर्क के बाहरी इलाके में एक अपार्टमेंट से संदिग्ध सिग्नल मिले. जब स्वाट टीम वहां पहुंची, तो अपार्टमेंट खाली था, लेकिन तलाशी में एक के बाद एक सिम कार्ड्स और सर्वर का जखीरा मिला. ये डिवाइस इतने खतरनाक थे कि मोबाइल टावर को बंद कर सकते थे, जिससे पूरा नेटवर्क क्रैश हो जाता. अपराधी इनके जरिए एन्क्रिप्टेड चैट कर सकते थे, जिसे ट्रैक करना नामुमकिन था.

फर्जी इमरजेंसी कॉल्स करके पुलिस को गुमराह करने की साजिश थी. शुरुआती जांच में विदेशी ताकतों या संगठित अपराधी गिरोहों से लिंक की आशंका जताई जा रही है. ये सब न्यूयॉर्क के उस इलाके में हो रहा था, जो UN मुख्यालय से सिर्फ 35 मील दूर था. यूएन मुख्यालय में वर्ल्ड लीडर गाजा- फिलिस्तीनी मुद्दों पर गरमागरम बहस कर रहे हैं.

अमेरिका ने कैसे तोड़ा साजिश का जाल?

सीक्रेट सर्विस की एडवांस्ड थ्रेट इंटरडिक्शन यूनिट ने होमलैंड सिक्योरिटी, नेशनल इंटेलिजेंस, NYPD और कई स्थानीय एजेंसियों के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. जैसे ही सिग्नल्स का पता चला, कई ठिकानों पर छापेमारी शुरू हो गई. एक के बाद एक सिम फार्म्स और सर्वर बरामद हुए. सीक्रेट सर्विस ने बताया कि ये डिवाइस एक साथ 3 करोड़ टेक्स्ट मैसेज भेजने की ताकत रखते थे. जांच अभी जारी है और ये पता लगाया जा रहा है कि इसके पीछे कौन है?

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UNGA में माइक बंद होने का कनेक्शन?

22 सितंबर को UNGA में अजीब वाकया हुआ. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगान, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो जैसे नेता गाजा और फिलिस्तीन पर बोल रहे थे, तभी अचानक उनके माइक्रोफोन बंद हो गए. यूएन ने इसे तकनीकी खराबी बताया, लेकिन साजिश की खबर के बाद कई लोग सवाल उठा रहे हैं. हालांकि, अभी तक कोई सबूत नहीं है कि माइक बंद होना इस साजिश से जुड़ा था. फिर भी, इतने बड़े इवेंट में ऐसी गड़बड़ी ने सबको चौंका दिया है.

UNGA का माहौल

UNGA का 80वां सेशन 9 सितंबर से शुरू हुआ, लेकिन इस हफ्ते हाई-लेवल डिबेट्स ने माहौल गर्म कर रखा है. विश्व नेता ग्लोबल मुद्दों, खासकर गाजा और फिलिस्तीनी मान्यता पर बहस कर रहे हैं. आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप UNGA को संबोधित करने वाले हैं. ऐसे में इस साजिश का पर्दाफाश होना अमेरिका के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है.

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