क्या है ‘ट्रिपल-M’ फॉर्मूला, जिससे बिहार फतह करने की तैयारी में BJP? समझिए चुनावी ABCD

Bihar Election 2025: बिहार की सियासत में जातिगत समीकरण और गठबंधन की रणनीति हमेशा अहम रही है. लेकिन इस बार शाह का ट्रिपल M फॉर्मूला इन समीकरणों को पीछे छोड़कर एक नई कहानी लिखने की कोशिश है.
Amit Shah Triple M Formula

बिहार में ट्रिपल-एम की राजनीति!

Amit Shah Triple M Formula: बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं, और इस बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने BJP के लिए एक ऐसा मास्टर प्लान पेश किया है, जो न सिर्फ दिलचस्प है, बल्कि NDA को सत्ता की सीढ़ियां चढ़ाने का दम भी रखता है. BJP के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ हुई हाई-वोल्टेज बैठक में शाह ने ‘ट्रिपल M’ फॉर्मूला दिया है. आखिर क्या है ये ट्रिपल M, और कैसे ये बिहार की सियासी जंग में गेम-चेंजर बन सकता है? चलिए, सबकुछ आसान भाषा में विस्तार से समझते हैं.

जीत का मंत्र ‘ट्रिपल- M’

अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को तीन ‘M’ का मंत्र दिया, जो बिहार में NDA को 225 सीटों का लक्ष्य दिलाने की रणनीति का हिस्सा है.

महिला (Mahila)

शाह ने साफ कहा, “महिलाओं का दिल जीतो, वोट अपने आप आएगा.” BJP का फोकस बिहार की महिलाओं को सशक्त बनाने पर है. केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं जैसे उज्जवला योजना, जन धन खाता, मुद्रा लोन, आयुष्मान भारत और महिला रोजगार योजना को घर-घर तक पहुंचाने का प्लान है. खास तौर पर बूथ स्तर पर महिला कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने का निर्देश दिया गया है, ताकि हर गांव की नारी शक्ति NDA के साथ जुड़े. शाह का मानना है कि 2020 के चुनाव में महिलाओं के वोट ने BJP को बड़ी ताकत दी थी और इस बार भी यही जादू काम करेगा.

मोदी (Modi)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भुनाने में BJP कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. शाह ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे हर मतदाता तक मोदी जी की उपलब्धियां पहुंचाएं. चाहे वो आत्मनिर्भर भारत की बात हो, बिहार में बने नए हाईवे, रेलवे प्रोजेक्ट्स या फिर किसान सम्मान निधि. इन सबका डंका बजा कर वोटरों का भरोसा जीतना है. शाह का फंडा साफ है कि मोदी है तो मुमकिन है!

मंदिर (Mandir)

तीसरा ‘M’ है राम मंदिर. अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण BJP के लिए बड़ा सियासी हथियार है. शाह ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे लोगों को बताएं कि कैसे BJP ने दशकों पुराना वादा पूरा किया. राम मंदिर के साथ-साथ बिहार में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने की बात को जोर-शोर से उठाने का प्लान है. ये मुद्दा खासकर ग्रामीण इलाकों में वोटरों को भावनात्मक रूप से जोड़ने का काम करेगा.

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क्यों खास है ये फॉर्मूला?

बिहार की सियासत में जातिगत समीकरण और गठबंधन की रणनीति हमेशा अहम रही है. लेकिन इस बार शाह का ट्रिपल M फॉर्मूला इन समीकरणों को पीछे छोड़कर एक नई कहानी लिखने की कोशिश है. ये फॉर्मूला न सिर्फ महिलाओं और युवाओं को जोड़ने की रणनीति है, बल्कि मोदी की ब्रांड वैल्यू और राम मंदिर जैसे भावनात्मक मुद्दे को भुनाने का भी मास्टरस्ट्रोक है. शाह ने कार्यकर्ताओं को बूथ लेवल पर मेहनत करने और हर वोटर तक पहुंचने का टास्क दिया है, ताकि NDA 2020 की तरह ही बिहार में बाजी मार ले.

पटना की बैठक में मौजूद एक BJP कार्यकर्ता ने उत्साह से कहा, “शाह जी का ये फॉर्मूला बिल्कुल सटीक है. हम महिलाओं को योजनाओं का लाभ बता रहे हैं, मोदी जी की बात तो हर घर में गूंज रही है, और राम मंदिर का जिक्र होते ही लोग भावुक हो जाते हैं. इस बार बिहार में कमल खिलेगा.” वहीं, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि विपक्ष, खासकर RJD और कांग्रेस, इस फॉर्मूले का जवाब अपने मुद्दों, जैसे बेरोजगारी और महंगाई से देने की कोशिश करेगा.

बिहार की सियासी जंग में टक्कर कांटे की!

2020 में NDA ने 125 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी, जिसमें BJP को 74 और JDU को 43 सीटें मिली थीं. इस बार शाह का लक्ष्य 225 सीटों का है, जो एक बड़ा दांव है. लेकिन ट्रिपल M फॉर्मूला क्या वाकई बिहार की जनता का दिल जीत पाएगा? ये तो आने वाला वक्त बताएगा. तब तक BJP कार्यकर्ता इस मंत्र को लेकर गांव-गांव, गली-गली पहुंच रहे हैं.

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