MP News: जीतू पटवारी ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को लिखा पत्र, कहा- CM बार-बार विपक्ष के नेताओं का अपमान कर रहे

जीतू पटवारी ने राज्यपाल को लिखे पत्र में में लिखा है, 'मुख्यमंत्री को परामर्श या निर्देश दिया जाए कि वे विपक्ष और जनता के चुने प्रतिनिधियों के प्रति मर्यादित और शालीन भाषा का ही प्रयोग करें.'
Jitu Patwari (File Photo)

जीतू पटवारी(File Photo)

MP News: मध्य प्रदेश में PCC चीफ जीतू पटवारी ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को पत्र लिखाय है. उन्होंने पत्र के जरिए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सार्वजनिक रूप से विपक्ष के नेताओं का बार-बार अपमान कर रहे हैं. साथ ही में बताया है कि मध्य प्रदेश में युवक-युवतियों में नशे की आदत बढ़ रही है.

मुख्यमंत्री को मर्यादिक भाषा के लिए निर्देश दिया जाए

जीतू पटवारी ने राज्यपाल को लिखे पत्र में में लिखा है, ‘मुख्यमंत्री को परामर्श या निर्देश दिया जाए कि वे विपक्ष और जनता के चुने प्रतिनिधियों के प्रति मर्यादित और शालीन भाषा का ही प्रयोग करें. भारत के लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों ही स्तंभ समान रूप से महत्वपूर्ण हैं. विपक्ष की भूमिका केवल आलोचना करना नहीं, बल्कि जनता की समस्याओं और राज्य के हित के मुद्दों को सामने रखना भी है. दुर्भाग्यपूर्ण है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बार-बार विपक्ष और उसके नेताओं का सार्वजनिक रूप से अपमान कर रहे हैं और ऐसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं जो लोकतांत्रिक गरिमा के प्रतिकूल है.’

पटवारी ने आगे कहा, ‘मुख्यमंत्री ने कांग्रेसियों को मूर्ख कहा है. रात की उतरती नहीं होगी, नशा चढ़ गया होगा,कांग्रेसियों को चप्पल मारो, जैसी बातें कही हैं.’

जीतू पटवारी ने राज्यपाल को शराब और नशा संबंधी तथ्य भी लिखा

  • युवतियों और युवाओं में शराब एवं नशे का सेवन बढ़ रहा है.
  • विगत तीन वित्तीय वर्ष में आबकारी राजस्व में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है और वर्ष 2025-26 के लिए 17500 करोड़ जैसा भारी भरकम राजस्व लक्ष्य तय किया गया है.
  • अवैध शराब की बिक्री और ड्रग्स/नशे की बढ़ती गतिविधियां प्रदेश के युवाओं के लिए खतरा हैं.

जीतू पटवारी ने राज्यपाल से की मांग

1. मुख्यमंत्री को परामर्श/निर्देश दिया जाए कि वे विपक्ष और जनता के चुने प्रतिनिधियों के प्रति मर्यादित और शालीन भाषा का ही प्रयोग करें.
2. सरकार यह सुनिश्चित करे कि विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों का तथ्यात्मक उत्तर दिया जाए, न कि अपमानजनक शब्दों से.
3. शराब एवं नशे की खपत पर प्रभावी नियंत्रण के लिए ठोस कार्रवाई की जाए.
4. मुख्यमंत्री पद की गरिमा एवं संवैधानिक मर्यादाओं की रक्षा हेतु आवश्यक संवैधानिक कदम उठाए जाएं.

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