MP IAS Transfer: आईएएस नेहा मारव्या की 8 महीने में चली गई कलेक्‍टरी, 14 साल के इंतजार के बाद मिला था

MP IAS Transfer: नेहा मारव्या का कलेक्टर बनने का सफर भी काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. यूपीएससी 2010 में पास करने के बाद उन्हें मध्य प्रदेश कैडर मिला, लेकिन फील्ड पोस्टिंग का मौका उन्हें 14 साल बाद डिंडौरी में कलेक्टर बनने पर ही मिला.
IAS Neha Marvya Singh

आईएएस नेहा मारव्या सिंह

MP IAS Transfer: मध्य प्रदेश सरकार ने एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल में डिंडौरी कलेक्टर नेहा मारव्या सिंह का आठ महीने के भीतर ही तबादला कर दिया है. 2011 बैच की आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या को अब भोपाल में अपर सचिव बनाकर भेजा गया है और साथ ही विमुक्त, घुमंतू और अर्ध-घूमंतू जनजाति विभाग में संचालक का प्रभार भी सौंपा गया है. उनकी जगह 2014 बैच की आईएएस अंजू पवन भदौरिया, जो अब तक रायसेन जिला पंचायत की सीईओ थीं, को डिंडौरी का नया कलेक्टर नियुक्त किया गया है. इस बदलाव ने कई चर्चाओं को जन्म दे दिया है.

उतार-चढ़ाव से भरा रहा नेहा मारव्‍या का सफर

नेहा मारव्या का कलेक्टर बनने का सफर भी काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. यूपीएससी 2010 में पास करने के बाद उन्हें मध्य प्रदेश कैडर मिला, लेकिन फील्ड पोस्टिंग का मौका उन्हें 14 साल बाद डिंडौरी में कलेक्टर बनने पर ही मिला. कलेक्टरी का यह अवसर उन्हें तब मिला जब उन्होंने आईएएस सर्विस मीट से पहले एक सोशल मीडिया पोस्ट में अपना दर्द साझा किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि एक दशक से अधिक समय तक उन्हें कलेक्टर बनने का अवसर नहीं मिला और वर्षों तक उन्हें केवल दफ्तर आकर समय गुजारना पड़ा. इस पोस्ट ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया और इसके बाद उन्हें डिंडौरी की जिम्मेदारी दी गई.

विधायक ने उठाए थे कार्यशैली पर सवाल

नेहा मारव्या का तबादला लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ था, खासकर तब से जब शहपुरा के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए. विधायक ने दो प्रमुख कारणों को लेकर नाराजगी जताई थी जिसमें पहला, जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों की समस्याओं को सही ढंग से न सुने जाने और बार-बार तारीखें दिए जाने की शिकायत, और दूसरा, जनजातीय कार्य विभाग में शिक्षकों व हॉस्टल अधीक्षकों के बड़े पैमाने पर हुए ट्रांसफर शामिल थे. विधायक के विरोध के बाद विभाग ने कलेक्टर द्वारा जारी सभी तबादला आदेश निरस्त कर दिए थे.

ये भी पढे़ं- IAS Sanskriti Jain: कौन हैं आईएएस संस्कृति जैन? जो बनीं भोपाल नगर निगम की कमिश्नर, सिवनी कलेक्टर पद से हुआ ट्रांफसर

सख्‍त फैसलों के लिए जानी जाती है नेहा मारव्‍या

डिंडौरी में उनके कार्यकाल के दौरान उनकी कार्यशैली को लेकर लगातार विरोध होता रहा. हालांकि, नेहा मारव्या का प्रशासनिक करियर हमेशा सख्त और नियमों पर आधारित फैसलों के लिए जाना गया है. शिवपुरी जिला पंचायत की सीईओ रहते हुए उन्होंने कलेक्टर द्वारा उपयोग की जा रही निजी गाड़ी का भुगतान रोक दिया था और रोजगार गारंटी परिषद में भर्ती घोटाले पर एफआईआर की अनुशंसा करके वरिष्ठ अधिकारियों से भी टकराव मोल लिया था.

ज़रूर पढ़ें