MP News: कफ सिरप मामले में केंद्र ने लिया संज्ञान, एमपी के स्वास्थ्य विभाग से मांगी रिपोर्ट, अब तक 18 बच्चों की मौत
मध्य प्रदेश कफ सिरप मामले में केंद्र सरकार ने लिया संज्ञान, स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट मांगी
MP News: मध्य प्रदेश में कफ सिरप से 16 बच्चों की मौत के मामले में केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया है. राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक हाईलेवल बैठक बुलाई थी. इस मीटिंग में मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े. केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बैठक की अध्यक्षता की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसी दवाओं की बिक्री और दुरुपयोग को रोकना है जिससे बच्चों की जान को खतरा है.
बैठक में इन मुद्दों पर रहा फोकस
- दवा निर्माण इकाइयों में क्वालिटी मानकों से संबंधित शेड्यूल और प्रावधानों का पालन किया जाए. ये भी सुनिश्चत करना होगा कि दवा उच्च गुणवत्ता वाली हो.
- बच्चों के लिए कफ सिरप का इस्तेमाल उचित ढंग से किया जाए. इसमें अनावश्यक पदार्थ ना हों.
- खुदरा दवा दुकानों के लिए मार्केटिंग को मजबूत किया जाए, ताकि संदिग्ध दवा की बिक्री पर रोक लगाई जा सके.
अब तक 18 बच्चों की हुई मौत
कफ सिरप बच्चों के लिए काल बनती जा रही है. सोमवार को दो और बच्चों की जान कफ सिरप से चली गई. इनमें बैतूल के इकलतरा का दिव्यांश उइके और पांढुर्णा की पूर्वी अड़माची है. इसके साथ ही मौत का आंकड़ा 18 पहुंच गया है. सबसे ज्यादा मौत छिंदवाड़ा में हुई हैं. यहां 15 बच्चे जान गवां चुके हैं. वहीं बैतूल में 3 बच्चे काल के गाल में समा चुके हैं. सीएम ने पहले ही ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पर बैन लगा दिया है.
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इस पूरे मामले की जांच के लिए SIT गठित कर दी गई. इसमें एक ड्रग इंस्पेक्टर और प्रशासनिक अधिकारी हैं. ये टीम तमिलनाडु जाकर कंपनी में जांच करेगी. मृतक बच्चों के परिजनों के लिए राज्य सरकार की ओर से 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया गया है.