MP News: दमोह में अजीबो गरीब घटना, एक साल पहले मरी महिला फिर से हुई ‘मृत’! जानिए पूरा मामला

राधारानी की मृत्यु से संबंधित दस्तावेज 2024 में ही पंचायत और राजस्व विभाग में दर्ज हो चुके थे. इसके बावजूद, इस वर्ष फिर से उसी महिला की मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया चलाई गई और उसे "फिर से मृत" घोषित कर दिया गया.
Symbolic picture.

सांकेतिक तस्वीर.

Input- अर्पित बड़कुल

MP News: मध्य प्रदेश अजब है, यहां कारनामें उससे ज्यादा गजब है. इस बार जो मामला सामने आया है, वो सभी को चौकाने वाला है. दरअसल, दमोह जिले के तेंदूखेड़ा जनपद अंतर्गत आने वाली दरौली ग्राम पंचायत से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां की एक महिला राधारानी गौंड़ पति, जिसकी मौत 05 जनवरी 2024 में दर्ज की जा चुकी थी, और उसी मृत महिला को 06 अप्रैल 2025 में दोबारा “मृत” घोषित कर दिया गया है. यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है, बल्कि यह भी सवाल खड़े करता है कि सिस्टम में इतनी बड़ी चूक आखिर कैसे हुई..?

विस्तार से जानिए क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक, राधारानी की मृत्यु से संबंधित दस्तावेज 2024 में ही पंचायत और राजस्व विभाग में दर्ज हो चुके थे. इसके बावजूद, इस वर्ष फिर से उसी महिला की मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया चलाई गई और उसे “फिर से मृत” घोषित कर दिया गया. जब इस सम्बंध में जब ग्राम पंचायत दरौली के ग्रामीणो से बात कि तो उन्होंने इसे कोई साधारण भूल नहीं, बल्कि किसी गहरी साजिश या फर्जीवाड़े को लेकर आशंका जताई है. इस “दोहरी मौत” का इस्तेमाल जमीन, पेंशन या किसी अन्य सरकारी लाभ से जुड़ी धोखाधड़ी के लिए किया जा सकता है.

जिम्मेदार बोले- जांच करवाएंगे

मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है. तेंदूखेड़ा जनपद के अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है, संबंधित पंचायत सचिव और पटवारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जिला पंचायत सीईओ प्रवीण फुलपागरे ने बताया कि यह गंभीर मामला है. अगर पहले से मृत महिला के नाम पर दोबारा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है, तो यह न केवल रिकॉर्ड में गड़बड़ी है, बल्कि आपराधिक कृत्य भी हो सकता है. मामले की जांच शुरू कर दी है, दूसरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बड़े फर्जीवाड़े की खुल सकती हैं परतें!

सूत्रों की मानने तो यह मामला किसी बड़े फर्जीवाड़े की परतें खोल सकता है, जिसमें मृत व्यक्ति के नाम पर सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जा रहा हो. अब इस बात की जांच होगी कि 2024 में मृत घोषित राधारानी को 2025 में फिर से कैसे और किस आधार पर मृत दिखाया गया? कौन हैं, इसके पीछे और किसे हुआ इसका लाभ? ये तो निष्पक्ष जांच के बाद ही पता चल पाएगा.

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