मिट्टी की सोंधी खुशबू और ठेकुआ की मिठास लेकर आई है नितिन चंद्रा की भोजपूरी फिल्म ‘छठ’, Waves OTT पर रिलीज
फिल्म प्रीमियर के दौरान की तस्वीर
Chhath Movie: बिहार की मिट्टी की सोंधी खुशबू और छठ पूजा की आस्था को समेटे एक खास फिल्म ‘छठ’ आज से प्रसार भारती के ओटीटी प्लेटफॉर्म वेव्स पर दर्शकों के लिए उपलब्ध है. यह फिल्म न सिर्फ एक धार्मिक पर्व की कहानी कहती है, बल्कि बिहार की संस्कृति, सादगी और परिवार के प्यार को भी खूबसूरती से पेश करती है. अगर आप छठ पूजा के महत्व और बिहार की परंपराओं को करीब से समझना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए ही है.
बिहार की आत्मा को दर्शाती कहानी
फिल्म ‘छठ’ बिहार के एक गांव की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जहां छठ पूजा के दौरान परिवार के लोग एकजुट होते हैं. इस बार छठ 25 से 28 अक्टूबर 2025 तक है. इस फिल्म की कहानी गोविंद (शशि वर्मा) और उनकी पत्नी ज्योति (स्नेहा पल्लवी) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी मां के साथ गांव में रहते हैं. उनके दो बेटे मोतिहारी में पढ़ाई कर रहे हैं. इस बार छठ पूजा के मौके पर 25 साल बाद उनका परिवार एक साथ आता है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे छठ पर्व रिश्तों को मजबूत करने और पुरानी यादों को ताजा करने का अवसर है.
फिल्म छठ पूजा की हर छोटी-बड़ी रस्म को बारीकी से दिखाती है. नहाय-खाय से लेकर उषा अर्घ्य तक, हर अनुष्ठान को इस तरह फिल्माया गया है कि दर्शक बिहार के गांवों की सादगी और आस्था में खो जाएंगे. फिल्म में भोजपुरी गीतों की मधुर धुनें भी हैं, जो छठ के उत्साह को और बढ़ाती हैं.

नितिन चंद्रा का छठ के प्रति लगाव
निर्देशक नितिन नीरा चंद्रा का छठ पूजा के प्रति गहरा लगाव इस फिल्म से पहले भी देखा जा चुका है. उन्होंने पहले भी छठ पूजा की भावना को अपने वीडियो प्रोजेक्ट्स के जरिए दर्शकों तक पहुंचाया है. नितिन ने छठ के रंग और इस पर्व की सांस्कृतिक गहराई को छोटे-छोटे वीडियोज में कैद किया था, जो सोशल मीडिया पर खूब सराहे गए. उनकी यह कोशिश अब फिल्म ‘छठ’ के रूप में एक बड़े कैनवास पर सामने आई है. नितिन का कहना है कि यह फिल्म उनके लिए एक सपने का सच होना है, क्योंकि यह बिहार की जड़ों और छठ पूजा की पवित्रता को दुनिया तक ले जाती है. नितिन कहते हैं कि जब आप अपनी मिट्टी की कहानी को कहने की हिम्मत करते हैं तो वो सच हो ही जाता है. जो लोग आज भोजपूरी और मैथिली से दूर चले गए हैं, ऐसी कहानी लेकर आता रहूंगा कि वो लौट आएं.
नितिन की पिछली उपलब्धियां
नितिन नीरा चंद्रा उस्ताद आदमी हैं. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता इस निर्देशक ने पहले भी बिहार की संस्कृति और सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्में बनाई हैं. उनकी फिल्म ‘मिथिला मखान’ ने मिथिलांचल की संस्कृति और मखाना उद्योग की कहानी को खूबसूरती से पेश किया था, जिसे राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया. इसके अलावा, उनकी फिल्म ‘जैक्शन हॉल्ट’ भी दर्शकों के बीच चर्चित रही. नितिन की कहानी कहने की शैली और बिहार से उनका गहरा जुड़ाव ‘छठ’ में भी साफ झलकता है. नितिन ने कई भोजपुरी फिल्में भी बनाई हैं, जिनमें देसवा और करियट्ठी सबसे खास है.

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं की जोड़ी
फिल्म का निर्देशन नितिन नीरा चंद्रा ने किया है. उन्होंने बिहार की सांस्कृतिक गहराई को पर्दे पर उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वहीं, फिल्म की निर्माता हैं उनकी बहन और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री नीतू चंद्रा. इस भाई-बहन की जोड़ी ने मिलकर ‘छठ’ को एक ऐसा अनुभव बनाया है, जो हर दर्शक के दिल को छू लेगा. नीतू चंद्रा कहती हैं, “यह फिल्म हमारे लिए सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि बिहार की आत्मा का उत्सव है. हम चाहते हैं कि दुनियाभर के लोग छठ पूजा की पवित्रता और बिहार की सादगी को महसूस करें. वेव्स ओटीटी के जरिए हमारी कहानी हर घर तक पहुंच रही है और इससे बड़ी खुशी की बात हमारे लिए कुछ नहीं.”
भारतीय कहानियों का नया मंच वेव्स ओटीटी
प्रसार भारती का ओटीटी प्लेटफॉर्म वेव्स भारतीय संस्कृति और कहानियों को बढ़ावा देने के लिए जाना जा रहा है. ‘छठ’ का विश्वव्यापी प्रीमियर 24 अक्टूबर को वेव्स पर हो चुका है. प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने कहा, “यह फिल्म हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है. यह भारत की उन कहानियों का प्रतीक है, जो हमारी मिट्टी और संस्कृति से उपजती हैं. वेव्स के जरिए हम ऐसी कहानियों को दुनिया के सामने ला रहे हैं.”
क्यों देखें फिल्म ‘छठ’?
‘छठ’ सिर्फ एक धार्मिक कहानी नहीं है. यह परिवार, आस्था और परंपराओं का संगम है. फिल्म में बिहार के गांवों की सादगी, मेहनत और छठ पूजा के प्रति अटूट विश्वास को दिखाया गया है. यह पर्व मातृत्व की शक्ति और अनुशासन का प्रतीक माना जाता है और फिल्म इसे बेहद खूबसूरती से दर्शाती है.