अखिलेश यादव के दलित वाले बयान पर यूपी में सियासी बवाल, BJP MLC ने सपा प्रमुख को बताया ‘अल्जाइमर’ का रोगी’

अखिलेश यादव ने दलितों पर बयान देकर यूपी की राजनीति में नया विवाद ला दिया है। भाजपा के एमएलसी अरुण पाठक ने पलटबार करते हुए कहा कि अखिलेश को अल्जाइमर की बीमारी है.
MLC Arun pathak And SP chief Akhilesh Yadav

भाजपा एमएलसी अरुण पाठक और सपा प्रमुख अखिलेश यादव

UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के गुरुवार को लखनऊ में दिए एक बयान ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है. अखिलेश यादव ने एक कार्यक्रम के दौरान पुलिस- प्रशासन पर मूकदर्शक का आरोप लगाते हुए कहा कि यूपी में भाजपा सरकार में दलितों पर काफी अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं. इस बयानबाजी के बाद भाजपा नेताओं ने अखिलेश यादव की आलोचना की है.

अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा के एमएलसी (MLC) अरुण पाठक ने कहा कि अल्जाइमर एक प्रकार की बीमारी होती है, जिसके हो जाने पर व्यक्ति हमेशा भ्रम में रहता है. इससे उम्र बढ़ती जाती है लेकिन सोच पीछे छूटती जाती है. उन्होंने अखिलेश यादव के कार्यकाल की बात करते हुए कहा कि वह 2012 से 2017 की बात 2025 में बता रहे हैं. उनको याद करना चाहिए कि उनकी सरकार में दलितों को कितना सम्मान दिया जाता था.

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अरुण पाठक ने पिछले कई मामलों को याद कराते हुए कहा कि इटावा में इटावा और प्रतापगढ़ में ही ट्रैक्टर से हमारे दलित भाइयों को कुचल दिया गया था. जबकि भाजपा सरकार में ऐसा नहीं हुआ. अखिलेश यादव किसी और साल की बात किसी और साल में करते हैं. अपनी सरकार का किया हुआ भाजपा सरकार में गिनाते हैं.

महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल था: भाजपा विधायक

गोविंद नगर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक सुरेंद्र मैथानी भी सपा प्रमुख पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा सरकार में महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया था. उनकी सरकार में किस प्रकार से महिलाओं के साथ अत्याचार होता था. उन्हें याद करने की जरूरत है. उनकी सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी.

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव दलितों पर अत्याचार की बात करते हैं. सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन है, इसे निकालकर देख लें कि पहले कितने मामले सामने आते थे. अखिलेश सरकार किसको संरक्षण देती थी. ये बताने की जरूरत नहीं है.

सपा प्रवक्ता ने दी सफाई

हालांकि समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने सफाई देते हुए कहा कि अखिलेश का बयान गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है और उनका इरादा दलित समुदाय के कल्याण के लिए नीतियों को बढ़ावा देना था. लेकिन भाजपा नेताओं ने दलितों पर दिए गए बयान के बाद अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा है.

दरअसल, अखिलेश यादव द्वारा दिए गए इस बयानबाजी के बाद से सोशल मीडिया पर भी बहस तेज हो गई है, जहां लोग अपने-अपने पक्ष रख रहे हैं. दलित संगठनों ने भी इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कुछ ने स्पष्टीकरण की मांग की है. फिलहाल, यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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