MP News: भोपाल में आज बिजली संविदा कर्मियों का बड़ा प्रदर्शन, नियमितीकरण की मांग को लेकर फूटा आक्रोश

MP News: संविदाकर्मियों का कहना है कि तीन महीने पहले नियमितीकरण का प्रस्ताव ऊर्जा विभाग को भेजा गया था, लेकिन अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
Electricity contract workers protest in Bhopal

भोपाल में बिजली संविदाकर्मी का प्रदर्शन

MP News: राजधानी भोपाल में रविवार को प्रदेशभर से बिजली संविदाकर्मी नियमितीकरण की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन करने वाले हैं. प्रदर्शन के लिए अंबेडकर ग्राउंड पर हजारों की संख्या में कर्मचारी एकत्रित होंगे और सरकार से पुराने प्रस्ताव पर जल्द निर्णय लेने की मांग करेंगे. संविदाकर्मियों का कहना है कि तीन महीने पहले नियमितीकरण का प्रस्ताव ऊर्जा विभाग को भेजा गया था, लेकिन अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

प्रस्‍ताव पर अब तक कोई सुनवाई नहीं

मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर एम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स के संस्थापक इंजीनियर वी.के.एस. परिहार ने बताया कि वितरण कंपनियों के संगठनात्मक ढांचे में स्वीकृत नियमित पदों पर वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का प्रस्ताव सरकार के पास लंबित है, लेकिन अब तक उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

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संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि तीन महीने पहले दिए गए प्रस्ताव पर सुनवाई नहीं होने से कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है. उन्होंने बताया कि यह प्रदर्शन “मुख्यमंत्री ध्यानाकर्षण कार्यक्रम” के तहत किया गया है. प्रदेश के 55 जिलों में पहले ही कलेक्टर, मंत्री, सांसद और विधायकों को ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं. कई जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को संविदा कर्मियों के नियमितीकरण के लिए अनुशंसा पत्र भी भेजे हैं.

10 से 15 वर्षों से सेवा दे सविंदाकर्मी

प्रदर्शन में शामिल कर्मियों ने बताया कि वे नियमित भर्ती प्रक्रिया से पहले, बिना परीक्षा लिए सीधे नियमित किए जाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे पहले ही साक्षात्कार प्रक्रिया से गुजरकर विभाग में नियुक्त हुए थे और बीते 10 से 15 वर्षों से लगातार सेवा दे रहे हैं.

संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष आर.एस. कुशवाह ने कहा कि ऊर्जा विभाग में 49,263 नियमित पद रिक्त हैं, जिनमें से 5,000 पदों पर संविदा कर्मियों को समाहित करने का प्रस्ताव है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपने कार्यकाल में इस घोषणा को किया था, लेकिन अब तक उसे लागू नहीं किया गया है. कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द सुनवाई नहीं की तो वे आंदोलन को और व्यापक रूप देंगे.

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