15 साल नौकरी के बाद संविदाकर्मियों को फिर देना होगा एग्जाम, 50% अंक लाने पर होंगे रेगुलर

MP News: एमपी सरकार के इस फैसले के खिलाफ संविदाकर्मियों ने नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि कई ऐसे कर्मचारी है जिनकी आयु 50 साल के पार निकल चुकी है. नई पीढ़ी के उम्मीदवारों से कैसे मुकाबला कर पाएंगे, ये अनुचित है.
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वल्लभ भवन

MP News: मध्य प्रदेश में संविदाकर्मियों को अपना पद बचाने के लिए एक बार फिर एग्जाम देना होगा. प्रदेश के 2.5 लाख से ज्यादा संविदाकर्मियों के सामने चुनौती खड़ी हो गई है. राज्य सरकार ने साफ तौर पर कह दिया है कि पद पर बने रहना है तो दोबारा परीक्षा देनी होगी. ये शर्त 25 से अधिक विभागों में काम कर रहे संविदाकर्मियों पर लागू होगी.

15 साल बाद फिर देना होगा एग्जाम

दरअसल, 15 साल पहले डिपार्टमेंटल एग्जाम पास करने के बाद संविदाकर्मियों ने ये पद पाए थे. सरकार का कहना है कि अपने पद पर बने रहना है तो एग्जाम देना होगा. राज्य सरकार ने नियमित नियुक्तियों में 20 फीसदी का आरक्षण तो दिया है, इसके साथ ही शर्त भी रख दी है. शर्त ये है कि परीक्षा में कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है. इसके बाद ही रेगुलर किया जाएगा. ये परीक्षा कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित की जाएगी.

संविदाकर्मियों ने जताई नाराजगी

एमपी सरकार के इस फैसले के खिलाफ संविदाकर्मियों ने नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि कई ऐसे कर्मचारी है जिनकी आयु 50 साल के पार निकल चुकी है. नई पीढ़ी के उम्मीदवारों से कैसे मुकाबला कर पाएंगे, ये अनुचित है. 15 नवंबर को प्रदेश भर के संविदाकर्मी राज्य स्तरीय प्रदर्शन करेंगे.

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ऊर्जा विभाग ने संविदा के पद ही हटाए

ऊर्जा विभाग ने मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, मध्य प्रदेश पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड और मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड से सभी संविदा पद हटा दिए हैं. सभी पदों को नियमित कर दिया गया है. लगभग 5000 संविदा कर्मियों को नियमित श्रेणी में शामिल कर लिया है. मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क प्राधिकरण की स्थिति बेहतर है, यहां करीब 3500 सब इंजीनियर और कर्मचारी नियमित वेतन पा रहे हैं.

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