MP News: वंदे मातरम के 150 साल, CM मोहन यादव ने राष्ट्रीय गीत के इतिहास पर आधारित पुस्तिका का किया विमोचन
वन्दे मातरम् के इतिहास पर आधारित पुस्तिका का विमोचन
MP News: राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने के मौके पर PM नरेंद्र मोदी ने आज स्मरणोत्सव का शुभारंभ किया. इस उत्सव के तहत साल भर अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इस मौके पर भोपाल के शौर्य स्मारक में आयोजित कार्यक्रम में CM डॉ. मोहन यादव शामिल हुए. इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में उन्होंने वंदे मातरम् के इतिहास पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया.
राष्ट्रीय गीत के इतिहास पर आधारित पुस्तिका का विमोचन
CM डॉ. मोहन यादव भोपाल के शौर्य स्मारक में आयोजित ‘वंदे मातरम् 150वां स्मरणोत्सव’ राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने वंदे मातरम् के इतिहास पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया. उनके साथ मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर समेत अन्य भी मौजूद रहे.
‘मां भारती के लिए निरंतर समर्पित रहने की प्रेरणा‘
इस मौके पर CM डॉ. मोहन यादव ने कहा- ‘यह गीत आजादी की अलख जगाने वाला और मातृभूमि के प्रति समर्पण का प्रतीक है. ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष हमें अपनी जड़ों से जुड़ने व मां भारती के लिए निरंतर समर्पित रहने की प्रेरणा दे रहे हैं.’
CM डॉ. मोहन यादव ने कहा- ‘स्वतंत्रता संग्राम में ‘वन्दे मातरम्’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि वो मूलमंत्र था, जिसने राष्ट्र की आत्मा को जागृत किया और हर मन में नए संकल्पों का संचार किया. बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जी ने वंदे मातरम् की रचना में हमारी सहस्त्राब्दियों पुरानी संस्कृति की ‘त्रिदेवियों’ का उल्लेख करते हुए भारत की गौरवशाली विरासत को ‘आनंदमठ’ के माध्यम से समूचे विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया.’
श्री बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जी ने ‘वन्दे मातरम्’ की रचना में हमारी सहस्त्राब्दियों पुरानी संस्कृति की ‘त्रिदेवियों’ का उल्लेख करते हुए भारत की गौरवशाली विरासत को ‘आनंदमठ’ के माध्यम से समूचे विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया : CM@DrMohanYadav51 #VandeMataram150 #CMMadhyaPradesh… pic.twitter.com/YnX7eIA70m
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) November 7, 2025
उन्होंने आगे कहा- ‘लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने 1950 में वंदे मातरम् को राष्ट्रगान के समान सम्मान देकर इसके राष्ट्रीय महत्व को स्थापित किया. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने का अवसर प्राप्त हुआ है.’