‘मुख्यमंत्री अपने घर से तो रुपये दे नहीं रहे’, आरिफ मसूद बोले- ‘लाडली बहना’ की राशि को 3 हजार कर देना चाहिए

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा, 'मुख्यमंत्री लाडली बहनों को 1500 क्यों दे रहे, मैं तो कह रहा हूं कि अगर वो 3 हजार भी देंगे तो हम इसका स्वागत करेंगे.'
Congress MLA Arif Masood.

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद.

MP News: कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने लाडली बहना योजना को लेकर बड़ा बयान दिया है. आरिफ मसूद ने कहा कि ‘लाडली बहनों’ को धनराशि देकर मुख्यमंत्री मोहन यादव एहसान नहीं कर रहे हैं. ये जनता के टैक्स का पैसा है. ये उनका दायित्व है. सरकार के मुखिया हैं, तो कोई बड़ी बात नहीं है, अगर महिलाओं के लिए कर रहे हैं.

‘1500 की जगह 3 हजार रुपये दें’

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा, ‘मुख्यमंत्री लाडली बहनों को 1500 क्यों दे रहे, मैं तो कह रहा हूं कि अगर वो 3 हजार भी देंगे तो हम इसका स्वागत करेंगे. कौन मुख्यमंत्री अपनी जेब से दे रहे हैं. मोहन यादव जी अपनी जेब से दें तो लगेगा कि बहुत बड़ा काम कर रहे हैं. सरकार में बैठे हैं. सरकार के मुखिया हैं. तो प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं तो प्रदेश की जनता के टैक्स का पैसा है तो इस्तेमाल करें.’

‘विलीनीकरण को लेकर नफरत फैलाई जा रही’

वहीं बीजेपी सांसद आलोक शर्मा के विलीनीकरण को लेकर दिए बयान पर आरिफ मसूद ने पलटवार किया है. आरिफ मसूद ने कहा, ‘भोपाल विलीनीकरण को लेकर मुख्यमंत्री को अगर पत्र लिखा जा रहा है, तो पूरा सच लिखा जाए. ये लोग कहते हैं कि भोपाल की रियासत ने मना कर ने 1947 में विलय होने से मना कर दिया था. लेकिन सरदार पटेल की किताब में उल्लेख है कि जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद और एक राज्य को छोड़कर उन्होंने पूरे राज्य को विलय कर दिया था. सरदार पटेल ने जो किताब लिखी है, उसका भी वर्णन करें. जनता को सच्चाई बताएं कि विलीनीकरण आंदोलन झूठा और नफरत फैलाने वाला और नफरत फैलाने वाला था. भोपाल राज्य सिर्फ राज्य की लड़ाई लड़ रहा था. भोपाल राज्य चाहता था कि वो मध्य भारत में ना जाए. वो सिर्फ भोपाल राज्य बने.’

‘भोपाल का इतिहास MPBSE के सिलेबस में शामिल होना चाहिए’

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सांसद आलोक शर्मा ने भोपाल के इतिहास को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भोपाल का इतिहास मध्य प्रदेश बोर्ड (MPBSE) के सिलेबस में हिंदी विषय में शामिल होना चाहिए. भोपाल में सिर्फ मुस्लिम शासकों का शासन नहीं था. हिंदू राजाओं ने 700 साल तक भोपाल मे राज किया. विलीनीकरण के आंदोलन को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए.’

ये भी पढे़ं: MP बोर्ड सिलेबस में भोपाल का इतिहास शामिल करने की मांग, सांसद आलोक शर्मा ने कहा- Bhopal सिर्फ मुस्लिम शासकों का नहीं था

ज़रूर पढ़ें