CM मोहन यादव ने 1.33 लाख किसानों के खातों में 233 करोड़ ट्रांसफर किए, बोले- भावांतर के नाम से कांग्रेसियों की छाती पर सांप लोटते हैं

MP News: सीएम ने कहा कि पिछले साल 4800 रुपये क्विंटल सोयाबीन खरीदी गई. इस साल 5328 रुपये में खरीदी गई. उससे पहले 3300 रुपये में सोयाबीन की खरीदी हुई. हर साल 400-500 बढ़ाए जा रहे हैं. हमने एमएसपी पर गेहूं 2585 रुपये में खरीदा
Dewas: CM Mohan Yadav released Rs 233 crore into the accounts of 1.33 lakh farmers.

देवास: सीएम मोहन यादव ने 1.33 लाख किसानों के खातों में 233 करोड़ की राशि जारी की

MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को देवास में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के 1.33 लाख किसानों के खातों में 233 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. भावांतर भुगतान के तहत सोयाबीन उत्पादक किसानों को राशि जारी की गई. इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए कहा कि धरतीपुत्र किसान और सीमा पर जवान दोनों समान हैं. एक जान की बाजी लगाकर करके देश की रक्षा करते हैं. किसान पसीने की एक-एक बूंद से अन्न उगाते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि धरतीपुत्र किसानों के माध्यम से हजारों सालों से हमारी संस्कृति अलग तरीके से जानी जाती है. पहले पशुपालन और गौपालन पर जीविका आधारित थी. आज बहुत कुछ बदल गया है. किसान कामना करता है कि सबके भंडार भरे रहें और किसी के जीवन में कष्ट ना आएं.

‘हमने सोयाबीन 5328 रुपये में खरीदी’

सीएम ने कहा कि पिछले साल 4800 रुपये क्विंटल सोयाबीन खरीदी गई. इस साल 5328 रुपये में खरीदी गई. उससे पहले 3300 रुपये में सोयाबीन की खरीदी हुई. हर साल 400-500 बढ़ाए जा रहे हैं. हमने एमएसपी पर गेहूं 2585 रुपये में खरीदा. हमारी भावना है कि किसानों को उनकी फसलों का मूल्य मिलना चाहिए. सही तरीके से भुगतान होना चाहिए, इसलिए सबसे पहले देश में सबसे पहले मध्य प्रदेश में भावांतर भुगतान योजना लागू की गई.

कांग्रेस पर निशाना साधा

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने भावांतर योजना लाई तो कांग्रेस ने सवाल उठाए. क्यों लेकर आ रहे हो? किस लिए ला रहे हो? पैसे कैसे दोगे? पैसे कहां से दोगे? झूठ बोल रहे हो? कांग्रेस ने किसान का कभी भला नहीं किया. खुद की दुनिया में डूबे रहते हैं.

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उन्होंने आगे कहा कि हवा में इतने रहते हैं कि मैदान में कभी आते नहीं हैं. केवल सोशल मीडिया चलाकर खुश हो जाते हैं, इसलिए 20 साल से सरकार से बाहर हैं. ऐसा रहा तो 50 साल और सरकार से बाहर रहेंगे. कांग्रेस को कोई पूछने वाला नहीं है. भावांतर के नाम से कांग्रेसियों की छाती में सांप लोटते हैं.

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