MP News: ममलेश्वर लोक के विरोध में ओंकारेश्वर बंद, श्रद्धालुओं की बढ़ी मुसीबत, कलेक्टर ने कहा- बातचीत जारी है

MP News: खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में ब्रह्मपुरी क्षेत्र में 120 करोड़ रुपये की लागत से ममलेश्वर लोक बनाया जाना है. जिसका लगातार विरोध जारी है. ब्रह्मपुरी क्षेत्र से बस्ती को हटाया जाना है. इसे लेकर आम जनों को विरोध जारी है. लोगों का कहना है कि विस्थापन का स्थान नहीं बताया गया है
khandwa: The common people protested against the Mamleshwar Lok in Omkareshwar.

खंडवा: ममलेश्वर लोक के विरोध में ओंकारेश्वर बंद

MP News: ममलेश्वर लोक के विरोध में ओंकारेश्वर में तीन दिनों को ऐच्छिक बंद जारी है. शहर में सोमवार को इसका बड़ा असर देखने को मिला, ना ऑटो चले, ना नावें और ना ही रेस्टोरेंट खुले. इस वजह से श्रद्धालु दिनभर परेशान होते रहे. पूरे शहर में मानो ऐसा लगा जैसे लॉकडाउन लगा हो. सोमवार (17 नवंबर) देश भर से 35 हजार श्रद्धालु ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए पहुंचे थे.

आम जनता में नाराजगी

खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में ब्रह्मपुरी क्षेत्र में 120 करोड़ रुपये की लागत से ममलेश्वर लोक बनाया जाना है. जिसका लगातार विरोध जारी है. ब्रह्मपुरी क्षेत्र से बस्ती को हटाया जाना है. इसे लेकर आम जनों को विरोध जारी है. लोगों का कहना है कि विस्थापन का स्थान नहीं बताया गया है. खासकर लोगों को होटल, दुकान, नाव चलाने और दूसरे कार्यों से जुड़े काम के छिनने का डर है. बच्चों की पढ़ाई और जीवन व्यवस्था को लेकर चिंता है. वहीं कलेक्टर का कहना है कि लोगों से बातचीत जारी है.

साधु-संतों की चेतावनी

ममलेश्वर लोक को लेकर साधु-संतों ने भी विरोध जताया है. संत मंगलदास त्यागी महाराज, महामंडलेश्वर बजरंग दास और महंत श्यामसुंदर दास ने असहमत जताई है. संतों ने कहा कि ममलेश्वर लोक का स्थान परिवर्तन नहीं हुआ और आश्रम मठ तोड़े गए तो बड़ी संख्या में संत ओंकारेश्वर पहुंचेंगे और व्यापक स्तर पर प्रदर्शन करेंगे. ब्रह्मपुरी स्थित टेकरी आश्रम लगभग 300 साल पुराना है, जिसे हटाने को लेकर भी विरोध हो रहा है.

ये भी पढ़ें: MP Cabinet Meeting: मोहन कैबिनेट की बैठक आज, ‘मिशन वात्सल्य’ में बदलाव समेत कई प्रस्तावों पर लगेगी मुहर

2027 से पहले बनना है ममलेश्वर लोक

ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के तट पर ममलेश्वर लोक बनाया जाना है. इसके लिए मध्य प्रदेश पर्यटन निगम ने 12 एकड़ भूमि चिह्नित की है. इसके निर्माण में 120 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, इसे 2027 तक निर्माण किया जाना है. इस क्षेत्र में मार्केट, मंदिर तक पहुंचने के लिए 12 से 24 मीटर चौड़ी सड़क, ममलेश्वर पथ समेत कई मंदिरों को जीर्णोद्धार किया जाना है. वहीं ब्रह्मपुरी आसपास से जिन्हें हटाया जाएगा, उनके पुनर्वास के लिए 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

ज़रूर पढ़ें