मां बनीं विधायक, पिता राज्यसभा सांसद, बिना चुनाव लड़े मंत्री बनने पर जानिए दीपक प्रकाश ने क्या कहा

Bihar Cabinet: नीतीश कुमार की नई सरकार में हुए शपथ समारोह में दीपक प्रकाश मंत्री बनाए गए, जबकि वे न विधायक हैं न ही MLC. जानें उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश ने मंत्री बनने के बाद क्या कहा?
Upendra Kushwaha with his son and wife

दीपक प्रकाश मां और पिता के साथ (फाइल फोटो)

Bihar Cabinet: बिहार विधानसभा में एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बाद गुरुवार को सीएम समेत सभी मंत्रियों का शपथ समारोह था. जिसमें दीपक प्रकाश ने मंत्री पद की शपथ लेकर सबको चौंका दिया, क्योंकि वह न तो विधायक हैं और न ही MLC. दीपक, पूर्व केंद्रीय मंत्री वर्तमान राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा के बेटे हैं. मंत्री बनने के बाद दीपक प्रकाश ने कहा कि शपथ से थोड़ी देर पहले ही मुझे पता चला कि मेरा नाम तय किया गया है. जानिए दीपक प्रकाश के बारे में.

बिहार के नए मंत्रिमंडल में शामिल दीपक प्रकाश ने शपथ के बाद मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा, “मैं अभी राजनीति में नया हूं. लेकिन बचपन से राजनीति को काफी करीब से देखा हूं. मैं खुद राजनीति का हिस्सा हूं.” इस दौरान जब उनके मंत्री बनने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मेरा नाम क्यों तय किया गया, ये तो उपेंद्र कुशवाहा ही बताएंगे. मुझे तो शपथ से थोड़ी देर पहले ही पता चला कि मेरा नाम फाइनल है.

शर्ट-पैंट में ली शपथ

दीपक प्रकाश की शपथ के दौरान एक और चौंकाने वाला दृश्य देखने को मिला. जहां हर नेता कुर्ता-पॉयजामा पहनकर मंच पर शपथ लिए. वहीं, दीपक प्रकाश ने शर्ट और पैंट में ही शपथ ली. जब उनसे इस पहनावे को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे जो आरामदायक महसूस होता है, मैं वो पहन लेता हूं. अब ये समय ही बताएगा कि आगे क्या पहनेंगे. बता दें, दीपक प्रकाश की मां विधायक हैं और पिता राज्यसभा सांसद.

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युवाओं पर रहेगा फोकस

दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार में युवाओं के लिए काम होना चाहिए. नौकरी और रोजगार पर काम किया गया है लेकिन आने वाले 5 सालों में और भी ज्यादा नौकरी और रोजगार पर काम किया जाएगा. आधुनिक कोर्सेज शुरू किए जाएंगे, ताकि बिहार मं युवाओं को अच्छे से रोजगार मिल सके. 5 सालों में 30 लाख से ज्यादा रोजगार सृजन करना है. उन्होंने कहा कि मैं खुद सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं और आईटी सेक्टर में 4 सालों से काम कर रहा हूं. मैं युवाओं के लिए काम करना चाहता हूं. हमारी प्राथमिकता शिक्षा पर रहेगी. क्योंकि सौ बीमारियों का एक ही इलाज है शिक्षा. इसलिए मैं शिक्षा पर पर ही काम करना चाहता हूं.

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