Paush Month 2025: इस दिन से शुरू हो रहा है पौष मास, देवी-देवताओं और पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए ना करें ये गलतियां

Paush Maas kya kare: पौष महीना तप, साधना और शुद्ध आचरण का महीना होता है. इसलिए कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें इस माह में नहीं करना चाहिए. अगर आप इन कामों को भूलकर भी करते हैं तो देवताओं और पितरों का आशीर्वाद नहीं मिल पाएगा.
Paush Month 2025

पौष मास में देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है.

Paush Maas 2025 Date: हिन्दू कैलंडर के अनुसार, साल का दसवां महीना पौष अत्यंत शुभ और लाभकारी माना जाता है. यह महीना देवी-देवताओं और पितरों दोनों को समर्पित होता है. पौष माह सूर्य देव, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए उत्तम होता है. पंचांग के अनुसार, इस महीने में दान, स्नान और तप करने से विशेष फल मिलता है. इस साल यानी 2025 में पौष मास 5 दिसंबर से शुरू होगा जो 3 जनवरी 2026 (शनिवार) तक चलेगा. इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक है, ताकि धार्मिक लाभ मिल सके. इसके अलावा कुछ सामान्य गलतियां भी होती हैं, जिन्हें इस महीने में करने से बचना चाहिए.

पौष माह में ये गलतियां ना करें

पौष महीना तप, साधना और शुद्ध आचरण का महीना होता है. इसलिए कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें इस माह में नहीं करना चाहिए. अगर आप इन कामों को भूलकर भी करते हैं तो देवताओं और पितरों का आशीर्वाद नहीं मिल पाएगा.

मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए

पौष माह में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ संस्कार जैसे सभी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए, क्योंकि इस दौरान सूर्य धनु राशि में होते हैं (खरमास). माना जाता है कि खरमास में किए गए शुभ कामों का पुण्य फल प्राप्त नहीं होता है.

इन चीजों का ना करें सेवन

वहीं इस महीने में नमक का सेवन कम करना चाहिए. साथ ही मांस और मदिरा (शराब) का सेवन बिल्कुल न करें. शास्त्रों में पौष मास में कुछ चीजों का परहेज बताया गया है, जैसे मूली, बैंगन, उड़द दाल, फूलगोभी, मसूर दाल, तले हुए व्यंजन, चीनी का अत्यधिक सेवन, करना अशुभ माना जाता है.

गंदे विचार से दूर रहें

पौष महीने में गंदे विचारों से दूर रहना चाहिए. यह माह मन को शुद्ध करने के लिए माना जाता है. क्रोध, लालच, ईर्ष्या, कटु वचन बोलना, और बुरे विचार से खुद को दूर रखना चाहिए. 

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पौष माह में क्या करना चाहिए ?

साल का यही वह महीना होता है जहां देवी-देवताओं और पितरों का आशीर्वाद सबसे ज्यादा मिलता है. पौष मास को सूर्य देव का माह कहा जाता है. मान्यता है कि इस महीने में सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति को ऐश्वर्य, यश, ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह माह पितरों के तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है. इस महीने में दान-पुण्य करें. जरूरतमंदों को कंबल, गर्म कपड़े दें. तिल, गुड़ और तिल-चावल की खिचड़ी का दान शुभ माना जाता है.

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