MP News: भोपाल मदरसे में 20 लाख के नकली नोट छापने वाला नेटवर्क बेनकाब, मास्टरमाइंड डॉक्टर समेत 3 गिरफ्तार

MP News: जांच में यह भी सामने आया है कि गिरोह अब तक करीब 40 लाख रुपए के नकली नोट भोपाल और महाराष्ट्र के कई शहरों में चला चुका है.
Doctor, the mastermind behind fake currency notes, arrested from Bhopal

भोपाल से गिरफ्तार हुआ नकली नोट बनाने वाला मास्‍टरमाइंड डॉक्‍टर

MP News: भोपाल और खंडवा में नकली नोटों का जाल फैलाने वाले बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए खंडवा पुलिस ने मास्टरमाइंड डॉक्टर प्रतीक नवलखे समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी लंबे समय से भोपाल की गोकुलधाम सोसाइटी में किराए के मकान पर ट्रैवल एजेंसी का बोर्ड लगाकर नकली नोट छापते थे. कार्रवाई के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में फर्जी नोटों के साथ हाई-क्वालिटी प्रिंटर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, 15 चेक बुक, 32 एटीएम कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए है. जांच में यह भी सामने आया है कि गिरोह अब तक करीब 40 लाख रुपए के नकली नोट भोपाल और महाराष्ट्र के कई शहरों में चला चुका है.

मदरसे से मिले लाखों रुपये के नकली नोट

पुलिस के अनुसार, यह वही गिरोह है, जिसके कारण 2 नवंबर को पैठिया स्थित मदरसे में 19 लाख 78 हजार रुपए के नकली नोट मिले थे. इस मामले में शुरुआती सुराग तब मिले जब गिरोह के विश्वस्त साथी और मदरसे में पदस्थ इमाम जुबेर अंसारी को महाराष्ट्र के मालेगांव में गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद पूरा नेटवर्क हिल गया. इसी कड़ी में जावर पुलिस को डॉक्टर नवलखे के भोपाल में छिपे होने की जानकारी मिली और 23 नवंबर को छापेमारी कर तीनों आरोपियों को दबोच लिया गया.

जेल में हुई थी मास्‍टरमाइंड डॉक्‍टर की इमाम जुबेर से मुलाकात

जांच में पता चला है कि डॉक्टर प्रतीक नवलखे पहले बुरहानपुर जिला अस्पताल में RMO के पद पर कार्यरत था और गांधी मेडिकल कॉलेज इंदौर से MBBS करने के बाद सरकारी सेवा में आया था, लेकिन फर्जी खरीद और बिल घोटालों में फंसकर जेल पहुंच गया. वहीं उसकी मुलाकात इमाम जुबेर अंसारी से हुई और जेल से निकलने के बाद दोनों ने नकली नोटों का धंधा शुरू किया. गिरोह 1 लाख रुपए असली लेकर बदले में 5 लाख रुपए नकली नोट देने की डील करता था, जिससे कई लोग उनके संपर्क में आ चुके हैं.

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पुलिस ने जब्त कि‍या सामान

पुलिस जब्त किए गए एटीएम कार्ड, मोबाइल, लैपटॉप और बैंकिंग रिकॉर्ड की जांच कर रही है. वित्तीय धोखाधड़ी के बड़े मामले खुलने की संभावना जताई गई है और पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े और नाम सामने आएंगे. गिरफ्तार आरोपी अभी रिमांड पर हैं और रैकेट के अन्य लिंक और सप्लाई चैन की खोज जारी है.

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