ब्राह्मण समाज पर विवादित टिप्पणी करने वाले IAS संतोष वर्मा ने विस्तार न्यूज़ पर मांगी माफी, बोले- बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया
IAS अफसर संतोष वर्मा ने अपने बयान पर मांगी माफी
MP News: अजाक्स (एससी-एसटी अधिकारी-कर्मचारी संघ) के प्रांतीय अधिवेशन में IAS संतोष वर्मा के दिए गए बयान पर बवाल मचा हुआ है. जहां एक ओर ब्राह्मण वर्ग ने उन पर FIR की मांग की है. इसी बीच IAS वर्मा ने इस संबंध में विस्तार न्यूज़ से बातचीत की है और सफाई देते हुए माफी भी मांग ली है. उन्होंने कहा कि मेरी टिप्पणी से किसी समाज को जाने-अनजाने में ठेस पहुंची है तो माफी मांगता हूं.
‘सामाजिक समरसता जरूरी ‘
IAS संतोष वर्मा ने विस्तार न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि इसे लेकर मैं खुद हतप्रद हूं. हमारी (अजाक्स) की जनरल बॉडी की मीटिंग थी, पूरे प्रांत से लोग और पदाधिकारी इसमें शामिल हुए थे. एक मुद्दा था कि आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए या जातिगत आधार पर होना चाहिए, इस पर सभी लोग अपने-अपने विचार रख रहे थे. इसी दौरान मैंने भी अपने विचार रखे.
आईएएस वर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि हम सब सनातन धर्म को मानने वाले लोग हैं. इस धर्म में आज के दौर में आरक्षण के कारण समाज के बीच में जो खाई आ रही है, उसको पाटना जरूरी है. सामाजिक समरसता का निर्माण बहुत जरूरी है. उसके निर्माण के लिए हमारे महापुरुषों ने जो विचार दिया है कि जो हमारी जातिगत व्यवस्था है, उसमें जब तक रोटी-बेटी की व्यवस्था नहीं होगी, तब तक आरक्षण की व्यवस्था लागू रहना चाहिए. बाबा साहेब आंबेडकर ने सामाजिक पिछड़ेपन के कारण आरक्षण हमें दिया है ना कि आर्थिक आधार पर दिया है.
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’27 मिनट का भाषण, 1-2 लाइन प्रचारित की’
उन्होंने आगे कहा कि दान से मतलब मेरा कन्यादान से है. मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. कुछ लोगों ने स्वार्थसिद्ध करने के लिए ऐस किया. बयान को वायरल किया. मेरे 27 मिनट के भाषण में से 1-2 लाइन निकाल करके प्रचारित किया.
क्या है पूरा मामला?
अजाक्स का प्रांतीय अधिवेशन रविवार (23 नवंबर) को आयोजित किया गया. इस अधिवेशन को संबोधित करते हुए IAS अफसर संतोष वर्मा ने कहा कि जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान ना कर दे या उसके साथ संबंध ना बना दे, तब तक आरक्षण मिलना चाहिए.