IAS के ‘ब्राह्मण विरोधी’ बयान पर गहराया विवाद, केंद्रीय मंत्री बोले- ‘बहन-बेटियां दान की वस्तु नहीं’
आईएएस संतोष वर्मा के बयान पर केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने पलटवार किया
MP News: बिहार से भाजपा के राज्यसभा सांसद और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने IAS संतोष वर्मा के विवादित बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि वरिष्ठ अधिकारी का जातिगत और स्त्री-विरोधी बयान घोर आपत्तिजनक है. यह समाज को बांटने वाली मानसिकता का खुला प्रमाण है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैं स्वयं ब्राह्मण हूँ… हमारी परंपरा अपमान नहीं, सम्मान सिखाती है.”
उन्होंने आगे लिखा कि ऐसे लोग मानवीय संवेदनाओं की परीक्षा में भी फेल हो जाते हैं. “बहन-बेटियाँ दान की वस्तु नहीं.” केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि ऐसी सोच निंदनीय है और यह हमारी सांस्कृतिक मर्यादाओं का अपमान है. सरकार इस मानसिक दिवालियेपन को किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं करेगी.
एक वरिष्ठ अधिकारी का इस प्रकार का जातिगत और स्त्री-विरोधी बयान न केवल घोर आपत्तिजनक है, बल्कि समाज को बाँटने वाली मानसिकता का खुला प्रमाण भी है।
— Satish Chandra Dubey (@satishdubeyy) November 25, 2025
मैं स्वयं एक ब्राह्मण हूँ, और हमारी परंपरा ‘सम्मान’ सिखाती है, ‘अपमान’ नहीं।
आप जैसे लोग आरक्षण की बहस तो दूर, बुनियादी मानवीय… https://t.co/eZkaBNCTGO
ग्वालियर में IAS संतोष वर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
IAS संतोष वर्मा के बयान के बाद से ही ब्राह्मण समाज लगातार प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहा है. ग्वालियर में ब्राह्मण समाज सैकड़ो की संख्या में पैदल मार्च करके एसपी ऑफिस पहुंचेंगे. कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम से एसपी ऑफिस तक समाज के लोग पैदल मार्च करेंगे. इस दौरान सभी IAS संतोष वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करेंगे.
विस्तार न्यूज़ से बातचीत में IAS ने बयान पर मांगी माफी
इस बीच, अजाक्स (एससी-एसटी अधिकारी-कर्मचारी संघ) के प्रांतीय अधिवेशन में IAS संतोष वर्मा के दिए बयान पर तीखा विवाद खड़ा हो गया है. ब्राह्मण समाज की ओर से उनके खिलाफ FIR की मांग कर रहा है.
मामले के उछलने के बाद संतोष वर्मा ने विस्तार न्यूज़ से बातचीत में खेद जताते हुए कहा कि उनके किसी कथन से यदि किसी समाज को अनजाने में ठेस पहुँची है, तो वे क्षमा चाहते हैं. उनका कहना है कि अधिवेशन में आरक्षण आर्थिक आधार पर हो या जातिगत, इसी विषय पर चर्चा चल रही थी और उसी दौरान उन्होंने अपने विचार रखे थे.उधर, परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पं. बिष्णु राजौरिया ने इस टिप्पणी को ब्राह्मण समाज की बेटियों का अपमान बताया और तत्काल FIR दर्ज कराने की मांग की है.
अधिवेशन से शुरू हुआ विवाद
पूरा मामला 23 नवंबर को आयोजित अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन का है. इसी दौरान संतोष वर्मा ने कहा था कि जब तक उनके बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान न कर दे या उसके साथ संबंध न बना ले, तब तक पिछड़ेपन के कारण आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सामाजिक रूप से ‘रोटी-बेटी’ का व्यवहार नहीं होता, तब तक आर्थिक आधार पर पिछड़ेपन का पैमाना अहम बना रहेगा.