‘हेलो मेरा नाम सोफी है…’, सरकारी स्कूल के छात्र ने 17 साल की उम्र में बनाया AI टीचर, हर सवाल का मिलता है जवाब

Bulandshahr AI teacher Viral Video: आदित्य ने बताया कि रोबोट को बनाने में कुल 25 हजार रुपए खर्च हुए हैं, इसे घर पर ही तैयार किया गया है. इसके माध्यम से बच्चों को पढ़ाई में काफी मदद मिल सकेगी.
Bulandshahr student Aditya Kumar creates AI teacher robot SOPHY with LLM chipset

बुलंदशहर के एक छात्र ने AI टीचर बनाया.

UP Student Innovation 2025: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में शिवचरण इंटर कॉलेज के 17 वर्षीय छात्र आदित्य कुमार ने कमाल कर दिया. आदित्य ने सोफी नाम का एक एआई शिक्षक रोबोट बनाया है, जो एलएलएम चिपसेट से लैस है. आदित्य ने बताया कि इसको बनाने में कुल 25 हजार रुपए खर्च हुए हैं, जिसे घर पर ही तैयार किया गया है. इस रोबोट के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई में काफी मदद मिल सकेगी. आदित्य के इस काम को लोग काफी पसंद कर रहे हैं. यह सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल है. वहीं लोग सोफी को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं.

रोबोट से जब अपना परिचय बताने के लिए कहा गया तो उसने कहा, “नमस्ते बच्चों मैं एक एआई शिक्षक रोबोट हूं. मेरा नाम सोफी है, और मेरा आविष्कार आदित्य ने किया था. मैं बुलंदशहर के शिवचरण इंटर कॉलेज में पढ़ाती हूं. क्या आप मुझसे कुछ और सवाल पूंछना चाहेंगे.”

छात्र ने सोफी से पूछे कई सवाल

इस दौरान छात्र ने भी सोफी से कई सवाल किए, छात्र ने पूछा- भारत के पहले राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कौन थे? तो टीचर ने सही जवाब दिया. इसके अलावा उसने सवाल किया कि क्या आप बच्चों को पढ़ाने में सक्षम हैं, तो AI टीचर ने जवाब दिया कि हां, मैं छात्रों को ठीक से पढ़ा सकती हूं. इसके बाद छात्र ने मैथ्य और इलेक्ट्रिसिटी को लेकर भी सवाल किए, जिसका वह सही जवाब दे पाई.

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तकनीक के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि

सोफी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है, जहां एक ओर छात्र की तारीफ हो रही है तो वहीं दूसरी ओर रोबोट शिक्षक के आने पर लोग नौकरियों पर खतरा मान रहे हैं. आदित्य जिस कॉलेज में पढ़ाई करता है. वहां के शिक्षक वसीम अहमद और जिया उल्लेख ने कहा कि सफलता न सिर्फ परिवार और स्कूल के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गौरव का विषय है. इतनी कम उम्र में एक स्कूली छात्र द्वारा तकनीक के क्षेत्र में ऐसा योगदान बहुत बड़ी उपलब्धि है.

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