MP Weather Today: एमपी में 5 दिसंबर से बढ़ेगी ठिठुरन, शीतलहर करेगी परेशान, रात का पारा 3 डिग्री तक गिरेगा
मध्य प्रदेश में 5 दिसंबर से बढ़ेगी ठंड
MP Weather Update: मध्य प्रदेश में एक बार फिर कड़ाके की ठंड दस्तक देने वाली है. मौसम विभाग के अनुसार 5 या 6 दिसंबर से रात के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज होगी और कई जिलों में शीतलहर चलेगी. पश्चिमी विक्षोभ हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी करवाएगा और वहीं से चलने वाली बर्फीली हवाएं प्रदेश को ठिठुराने लगेंगी. अनुमान है कि मंगलवार से रात के पारे में 2 से 3 डिग्री की गिरावट संभव है.
नवंबर में दर्ज हुई रिकॉर्ड तोड़ ठंड
नवंबर में रिकॉर्ड तोड़ ठंड दर्ज हो चुकी है और इसका असर अब दिसंबर, जनवरी व फरवरी में भी बने रहने की उम्मीद है. रविवार और सोमवार की रात भोपाल, इंदौर समेत 6 जिलों में तापमान 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया. बड़े शहरों में इंदौर सबसे ठंडा रहा जहां पारा 8.2 डिग्री तक गिर गया. भोपाल में 9.4 डिग्री, ग्वालियर और उज्जैन में 12 डिग्री जबकि जबलपुर में 11.8 डिग्री दर्ज हुआ.
प्रदेश का हिल स्टेशन सबसे सर्द
प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ज्यादा सर्द रहा, जहां तापमान 6.8 डिग्री मापा गया. राजगढ़ में 8.2 डिग्री और रीवा-नौगांव में 9.5 डिग्री दर्ज हुआ. शिवपुरी, बैतूल, खजुराहो, खंडवा, दतिया और छिंदवाड़ा में पारा 12 डिग्री से नीचे रहा.
प्रदेश का हिल स्टेशन सबसे सर्द
प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ज्यादा सर्द रहा, जहां तापमान 6.8 डिग्री मापा गया. राजगढ़ में 8.2 डिग्री और रीवा-नौगांव में 9.5 डिग्री दर्ज हुआ. शिवपुरी, बैतूल, खजुराहो, खंडवा, दतिया और छिंदवाड़ा में पारा 12 डिग्री से नीचे रहा.
दिन के तापमान में भी गिरावट देखी जा रही है. मलाजखंड में सोमवार को अधिकतम तापमान 23.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. पचमढ़ी और शिवपुरी में 24.2 डिग्री, सिवनी में 24.6 डिग्री और बैतूल में 24.8 डिग्री दर्ज हुआ. भोपाल और धार में अधिकतम तापमान 25.6 डिग्री के आसपास रहा.
भोपाल में लगातार 15 दिन चली शीतलहर
इस बार नवंबर ने इतिहास बदल दिया है. भोपाल में लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली, जो 1931 के बाद सबसे लंबा रिकॉर्ड है. वहीं 17 नवंबर को राजधानी में पारा 5.2 डिग्री तक पहुंच गया. यह अब तक का नया रिकॉर्ड है. इससे पहले 1941 में नवंबर के अंत में न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री दर्ज किया गया था. इंदौर में भी तापमान 6.4 डिग्री तक गिरा, जो पिछले 25 वर्षों में सबसे कम है.
मौसम वैज्ञानिकों कहना है कि इस साल नवंबर के पहले हफ्ते में ही उत्तरी क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई थी. जिससे ठंडी हवाएं प्रदेश तक पहुंचीं. हालांकि आखिरी सप्ताह में हवाओं की दिशा बदली तो थोड़ी राहत महसूस हुई.
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मौसम विशेषज्ञ मानते हैं कि जैसे बरसात में जुलाई-अगस्त सबसे अहम महीने होते हैं, वैसे ही ठंड दिसंबर और जनवरी में अपने चरम पर रहती है. इन महीनों में उत्तर से तेज सर्द हवाएं आती हैं. पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहने पर वर्षा भी होती है जिसके कारण दिन में भी तेज ठंड महसूस होती है.