MP News: डिंडोरी हादसे में शामिल पिकअप वाहन का नहीं था फिटनेस और इंश्योरेंस, प्रदेश के पिछड़े जिलों में ऐसी 60 फीसदी गाड़ियां दौड़ रही सड़कों पर
MP News: एमपी में बिना फिटनेस और इंश्योरेंस के पिकअप और बस जैसे वाहन कब तक दौड़ते रहेंगे. परिवहन विभाग की पड़ताल में यह खुलासा हुआ कि 112 बसें बिना परमिट के चल रही थीं, 72 बसों के फिटनेस प्रमाण पत्र भी नहीं मिले. जबकि पिछड़े जिलों में 60 फीसदी ऐसे वाहनों की संख्या है जो बिना फिटनेस के सड़कों पर सरपट दौड़ रहे हैं. यही कारण है कि प्रदेश में लगातार आए दिन सड़क दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं ताजा मामला डिंडोरी जिले का है जहां, गुरुवार को एक हादसा हो गया जिसमे 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक इस पिकअप वाहन का भी फिटनेस और इंश्योरेंस नहीं था.
इसके आसपास मौजूद बैतूल बालाघाट मंडला समेत अन्य जिले हैं. इन जिलों में प्रशासन और आरटीओ की कड़ी निगरानी के बावजूद भी पिकअप वाहनों में भरकर सवारियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है. महत्वपूर्ण और ध्यान देने वाली बात यह है कि ना तो इन वाहनों का इंश्योरेंस होता है ना ही फिटनेस. अधिकतर वाहनों में ना तो इंश्योरेंस होता है ना ही फिटनेस होता है. कई वाहन चालकों के पास इंश्योरेंस होता है तो फिटनेस नहीं होता, जिनके पास फिटनेस होता है वह भी एक्सपायरी होता है.
इन मामलों में भी ऐसा ही हुआ
गुना हादसा – 27 दिसंबर साल 2023 में गुना में डंपर से बस को टक्कर मार दी, जिसके बाद बस में आग लगी और 13 लोग जलकर राख हो गए. इस घटना में जानकारी सामने आई कि बिना परमिट के बिना फिटनेस के बस चल रही थी. फिर सरकार ने कलेक्टर, एसपी और परिवहन विभाग के आयुक्त, पीएस को हटा दिया.
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धार हादसा – जुलाई 2022 में धार जिले के खलघाट में नर्मदा नदी के पुल पर बस अनियंत्रित होकर पुलिया तोड़ती हुई नर्मदा नदी में जा गिरी. इस घटना में में 13 लोगों की मौत हुई थी. इस हादसे के बाद जानकारी सामने आई कि बस दस साल पुरानी थी. इसका फिटनेस प्रमाणपत्र अगले दस दिनों में समाप्त होने वाला था, जिसके बाद इस बस को रिटायर किया जा सकता था. लेकिन इससे पहले यह बस रिटायर होती, एक बड़ी दुर्घटना का शिकार हो गई और कई लोगों की जान चली गई.
हादसे के बाद परिवहन विभाग जागा
गुना हादसे के बाद प्रदेश में बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया. विभाग ने 6,000 बसों की जांच की 2,000 हजार से ज्यादा चालान काटे हैं और 40 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया. इस अभियान में जांच के दौरान पता चला कि 112 बसें बिना परमिट के चल रही थी. साथ ही 72 बसों के फिटनेस प्रमाण पत्र भी नहीं मिले. 22 बसों का इंश्योरेंस नहीं था.