सिंगरौली में पेड़ों की कटाई पर विधानसभा में हंगामा, विक्रांत भूरिया बोले- सागर और शिवपुरी में लगाए जा रहे पेड़, ये कैसा न्याय

Madhya Pradesh Tree Cutting Controversy: राघौगढ़ से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि अडाणी समूह को खदानें दी गई हैं, इसके लिए पेड़ काटे जा रहे हैं. पेसा एक्ट से बाहर बताया गया. यहां पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन हुआ है.
Singrauli tree cutting controversy raised in MP Assembly

कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया

Singrauli Forest Cutting News: मध्य प्रदेश की विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पांचवें और आखिरी दिन सिंगरौली में पेड़ों की कटाई पर जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस विधायकों ने इस संबंध प्रश्न किए. विरोध जताने के लिए कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर गए. इस मुद्दे पर झाबुआ से कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा कि सिंगरौली में पेड़ काटकर सागर और शिवपुरी में लगाए जा रहे हैं, ये कैसा न्याय है.

कांग्रेस विधायकों ने जताया विरोध

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन कांग्रेस ने सदन में सिंगरौली में करीब 6 लाख पेड़ों के काटने का मुद्दा उठाया. विक्रांत भूरिया ने सिंगरौली में पेड़ कटाई को अवैध बताया. दैनिक भास्कर रिपोर्ट के अनुसार आदिवासी की पहचान जल, जंगल और जमीन से होती है. अगर आप उनके जंगल खत्म कर देंगे, जमीन छीन लेंगे, जल ले लेंगे तो उनका अस्तित्व कैसे बचेगा. वहां धड़ल्ले से कटाई चल रही है.

वहीं राघौगढ़ से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि अडाणी समूह को खदानें दी गई हैं, इसके लिए पेड़ काटे जा रहे हैं. पेसा एक्ट से बाहर बताया गया. यहां पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन हुआ है.

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वन राज्य मंत्री ने दी सफाई

विक्रांत भूरिया के सवाल के जवाब में वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि यह सही नहीं है कि वन क्षेत्र में अवैध कटाई हो रही है. खनन मंत्रालय के निर्देशों के आधार पर 2,672 हेक्टेयर भूमि पर कटाई हुई है. जो भी पेड़ काटे गए हैं, वह नियमानुसार है. भारत सरकार की परमिशन के आधार पर कार्रवाई हो रही है. वहीं केंद्रीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय वन राज्य मंत्री का बचाव करते हुए कहा कि दिलीप अहिरवार पहली बार के विधायक हैं. उन्होंने सवालों का सही जवाब दिया. सिंगरौली में कभी भी पेसा एक्ट नहीं रहा है क्योंकि वहां आदिवासियों की संख्या कम रही है.

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