Truecaller को कहिए बॉय-बॉय, आ गया CNAP, अब फोन उठाते ही दिखेगा असली नाम
कॉलर ID डिस्प्ले सर्विस
What is CNAP: टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) भारत में एक और ऐप लागू करने की तैयारी पर है. Calling Name Presentation यानी CNAP की तकनीक के माध्यम से अनजान नंबर से भी आए फोन पर पता चल जाएगा कि किसका फोन आया है? यानी अब नंबर सेव करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यूजर का वेरिफाइड नाम अपने आप नंबर के साथ स्क्रीन पर दिखाई देगा. इसकी मंजूरी अक्तूबर 2025 में मिल चुकी है. यूजर्स को यह सुविधा अप्रैल 2026 तक मिलने की संभावना है.
अक्टूबर में मंजूरी मिलने के बाद CNAP के लिए नवंबर महीने से लाइव टेस्टिंग भी शुरू हो गई है. अब इसे अलग-अलग नेटवर्क पर रोलआउट किया जा रहा है. टेलीकॉम कंपनियों ने CNAP का ट्रायल पिछले महीने से शुरु कर दिया है लेकिन यह केवल चुनिंदा नेटवर्क पर शुरू है ताकि असली हालात में इसकी परफॉर्मेंस को नजदीकी से देखा जा सके. ट्रायल 4G और 5G फोन के लिए अभी चलाया जा रहा है. अगर यह सफल रहता है तो बाद में पुराने नेटवर्कों को भी जोड़ा जाएगा. TRAI ने स्मार्टफोन कंपनियों से कहा कि अब नए फोन पर CNAP सपोर्ट देना शुरू करें.
ठगी के मामलों में कमी आने की संभावना
बता दें, बीते कई सालों में फर्जी कॉल, टेली-स्कैम और साइबर ठगी के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं. इससे लोग इतना डर गए हैं कि किसी अनजान नंबर से आए फोन को नहीं उठाते हैं. इसको लेकर TRAI ने निपटने का एक प्लान बनाया और जल्द ही इसे लॉन्च किया जाएगा. TRAI का मानना है कि अगर फोन करने वाले का सही नाम दिखे तो काफी हद तक ठगी के मामलों में कमी आने की संभावना है.
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कैसे काम करेगा CNAP
CNAP की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसका खुद का डेटा सोर्स है. यह कॉलर का नाम सीधे टेलीकॉम कंपनियों के KYC-वेरिफाइड रिकॉर्ड से लेगा. ऐसे में कोई जानकारी गलत होने की बहुत ही कम संभावना रहेगी. सिम लेते समय आधार जैसे आधिकारिक दस्तावेजों पर जो नाम रजिस्टर्ड किया जाएगा. कॉल के दौरान वही नाम दिखेगा.