MP News: खुद के जिंदा होने का सबूत देने कलेक्ट्रेट पहुंचा किसान, कलेक्टर से कहा- कहिए तो मरकर दिखा दूं

कलेक्टर की शुरुआती जांच में किसान की गलती ही सामने आई है. रामभरण विश्वकर्मा ने धान का रजिस्ट्रेशन अपने नहीं ,बल्कि अपने दादा रामनाथ बढ़ई के नाम पर करवाया था.
A farmer arrived in Katni to provide proof of his survival.

कटनी में खुद के जिंदा होने का सबूत देने पहुंचा किसान.

MP News: मध्य प्रदेश में अक्सर अजब-गजब घटनाएं देखने को मिलती हैं. नई घटना कटनी जिले की है. यहां अपने जिंदा होने का सबूत देने के लिए एक किसान खुद चलकर कलेक्ट्रेट पहुंच गया. सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित किए जाने के बाद वह धान नहीं बेच पा रहा था, जिसके बाद किसान खुद ही फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गया.

‘साहब मैं जिंदा हूं, कहिए तो मरकर दिखाऊं’

पूरा मामला कटनी कलेक्ट्रेट का है. यहां उस वक्त हड़कंप मच गया, जब जब रीठी तहसील के गुरजीकला गांव निवासी किसान रामभरण विश्वकर्मा अपनी फरियाद लेकर कलेक्टर के पास पहुंचा. किसान ने कलेक्टर आशीष तिवारी से कहा कि उसे समर्थन मूल्य पर 250 कुंतल धान बेचना है. जिसके लिए रजिस्ट्रेशन भी करवा दिया था, लेकिन पोर्टल पर मुझे मृत घोषित दिखा रहा है. किसान ने कहा, ‘मैं बहुत परेशान हो गया हूं. साहब मैं जिंदा हूं, कहिए तो मरकर दिखाऊं.’

किसान रामभरण विश्वकर्मा ने कलेक्टर को दुखी मन से अपनी समस्याओं को लेकर शिकायत की. रामभरण ने बताया कि ग्राम पंचायत के रोजगार सचिव की लापरवाही के कारण समग्र आईडी में उन्हें मृत घोषित किया गया.

जांच में किसान का दावा खारिज

वहीं किसान की शिकायत पर कलेक्टर आशीष तिवारी ने जांच के आदेश दिए हैं. कलेक्टर की शुरुआती जांच में किसान की गलती ही सामने आई है. रामभरण विश्वकर्मा ने धान का रजिस्ट्रेशन अपने नहीं ,बल्कि अपने दादा रामनाथ बढ़ई के नाम पर करवाया था. जानकारी के मुताबिक रामनाथ बढ़ई की मौत हो चुकी है. इसलिए रजिस्ट्रेशन को कैंसिल कर दिया गया है. ये घटना किसी और के कारण नहीं, बल्कि खुद रामभरण के गलत जानकारी देने के कारण हुई है.

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