Indore: इंदौर में निजी कंपनी से उड़ने वाले थे 3 करोड़ 72 लाख, साइबर सेल ने खाते किए फ्रीज, पैसा पूरी तरह सुरक्षित

Indore: इंदौर की शिवगंगा डीलर्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है. कंपनी ने करोड़ों रुपये की संदिग्ध ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को लेकर राज्य साइबर सेल में शिकायत की थी.
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साइबर ठगी (सांकेतिक तस्‍वीर)

Indore News: इंदौर में अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी का बड़ा खेल खेला जा रहा था, लेकिन ऐन वक्त पर राज्य साइबर सेल ने बाजी पलट दी. शहर की एक निजी कंपनी से 3 करोड़ 72 लाख रुपये की ठगी कर रकम अमेरिका भेज दी गई थी, लेकिन साइबर सेल की तत्परता से न सिर्फ खाते फ्रीज हुए, बल्कि पूरी राशि सुरक्षित वापस भी करा ली गई. मामला इंदौर की शिवगंगा डीलर्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है. कंपनी ने करोड़ों रुपये की संदिग्ध ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को लेकर राज्य साइबर सेल में शिकायत की थी. जांच में सामने आया कि साइबर अपराधियों ने बेहद शातिर तरीके से स्पूफ ई-मेल और बिजनेस ईमेल कंप्रोमाइज (बीईसी) का इस्तेमाल कर कंपनी को चूना लगाया.

फर्जी मेल बनाकर की जा रही थी ठगी

कंपनी को अमेरिका के ह्यूस्टन स्थित अपने वेंडर इनोवेक्स इंटरनेशनल इंक को करीब 41 हजार डॉलर का भुगतान करना था. इसी बीच ठगों ने वेंडर के नाम से हूबहू मिलता-जुलता फर्जी ईमेल भेजा और बैंक डिटेल बदलवाकर रकम अमेरिका की जेपी मॉर्गन बैंक के खाते में ट्रांसफर करवा दी. भुगतान होते ही ठगों ने एक और चाल चली. उन्होंने मेल भेजकर कहा कि ट्रांजेक्शन रिजेक्ट हो गया है और नए खाते में दोबारा भुगतान करने को कहा. यहीं कंपनी को शक हुआ. जब वास्तविक वेंडर से फोन पर संपर्क किया गया, तो जालसाजी के पूरे खेल का खुलासा हो गया.

अमेरिका तक पहुंची साइबर सेल

मामले की गंभीरता को देखते हुए स्टेट साइबर सेल ने राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (आई4सी) पर केस दर्ज किया और अमेरिकी साइबर पोर्टल आईसी3 के जरिए सीधे कार्रवाई शुरू की. एफबीआई के अधिकारियों को भी सूचना दी गई. इसके बाद जेपी मॉर्गन बैंक से संपर्क कर संदिग्ध खाते को तत्काल फ्रीज करवाया गया. बैंक ने खाते में जमा पूरी राशि को होल्ड कर लिया. इसके बाद बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय रिकॉल प्रक्रिया शुरू की गई और अंतत: पूरी रकम यूएस डॉलर में ही कंपनी को वापस दिला दी गई. राज्य साइबर सेल की इंदौर इकाई के एसपी सव्य साची सर्राफ के अनुसार, समय पर की गई शिकायत और तत्काल कार्रवाई से कंपनी के करोड़ों रुपये डूबने से बच गए.

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