PNB को 2434 करोड़ का लगाया चूना, RBI ने किया खुलासा, जानें कैसे हुआ एक और बड़ा फ्रॉड

PNB Loan Fraud: बैंक के अनुसार फ्रॉड का मामला दो कंपनियों से जुड़ा हुआ है. जिसमें SREI Equipment Finance (SEFL) और SREI Infrastructure Finance (SIFL) शामिल हैं.
Punjab National Bank

पंजाब नेशनल बैंक (फाइल फोटो)

PNB Loan Fraud: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने भारतीय रिजर्व बैंक को 2434 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड की जानकारी दी है. बैंक के अनुसार, दो कंपनियों ने PNB से लोन लिया था, जिन्होंने बैंक को वापस ये पैसे नहीं चुकाए. बैंक ने इसकी जानकारी 26 दिसंबर को स्टॉक एक्सचेंजों को भी दे दी है. पंजाब नेशनल बैंक सरकारी बैंक है, जो देश के सबसे बड़े सरकारी बैंकों में से एक है.

बैंक के अनुसार, यह फ्रॉड का मामला दो कंपनियों से जुड़ा हुआ है. जिसमें SREI Equipment Finance (SEFL) और SREI Infrastructure Finance (SIFL) शामिल हैं. इसमें SREI इक्विपमेंट फाइनेंस ने 1,241 करोड़ रुपये का फ्रॉड और SREI इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड ने 1,193 करोड़ रुपये की बैंक को चपत लगाई है. ये दोनों कंपनियां एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं.

32,700 करोड़ रुपए का है कर्ज

PNB ने शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025 को स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी देते हुए बताया कि बैंक ने दोनों लोन के बकाया अमाउंट के लिए प्रोविजनिंग कर दी है. इसके साथ ही बैंक ने बताया कि 32,700 करोड़ रुपये के फाइनेंशियल कर्ज वाली दोनों कंपनियों को एनसीएलटी के तहत कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस के जरिए एसईएफएल और एसआईएफल को रिजॉल्व कर दिया गया है.

शेयर बाजार में आ सकती है गिरावट

बैंक ने इस जानकारी को मार्केट बंद होने के बाद दी, नहीं तो शेयर में गिरावट देखने को मिल सकती थी. शुक्रवार को अगर PNB के शेयर की बात की जाए तो BSE पर 0.50% गिरकर ₹120.35 पर बंद हुआ. मार्केट सोमवार को खुलेगा, अब देखना यह होगा कि बाजार का मूड क्या रहने वाला है.

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फ्रॉड कैसे हुआ?

दरअसल, जब कोई कंपनी बैंक से किसी दूसरे प्रोजेक्ट को दिखाकर कर्ज लेती है, लेकिन पैसा कहीं और लगाती है, तो इसे बैंक द्वारा फ्रॉड माना जाता है. श्रेय ग्रुप की शुरुआत 1989 में हुई थी, जो मुख्य रूप से निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होने वाली मशीनों को फाइनेंस करती थी. जब इस पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता चला गया तो अक्टूबर 2021 में RBI को भी दखल देना पड़ा. आरबीआई ने इस कंपनी के बोर्ड को भी भंग कर दिया गया था. हालांकि, बाद में NARCL के जरिए समाधान योजना को मंजूरी मिली, लेकिन जांच अभी भी जारी है.

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