Indore: सिंहस्थ 2028 से पहले इंदौर-उज्जैन के बीच दौड़ेगी वंदे भारत मेट्रो, 40-45 मिनट में पूरा होगा सफर

Indore: इंदौर और उज्जैन के बीच वंदे भारत मेट्रो चलाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है. यह ट्रेन मौजूदा रेलवे ट्रैक पर ही संचालित की जाएगी.
Vande Bharat Metro

वंदे भारत मेट्रो

Vande Bharat Metro: उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार और रेलवे ने तैयारियों को तेज कर दिया है. इसी कड़ी में इंदौर और उज्जैन के बीच वंदे भारत मेट्रो चलाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है. यह ट्रेन मौजूदा रेलवे ट्रैक पर ही संचालित की जाएगी, जिसके लिए अलग से नया ट्रैक बिछाने की जरूरत नहीं होगी. प्रस्तावित वंदे भारत मेट्रो शटल सेवा के रूप में चलेगी और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से इंदौर से उज्जैन का सफर तय करेगी. रेलवे इस रूट पर पहले ही 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड का सफल ट्रायल कर चुका है.

रेलवे ने बनाई यात्रियों के लिए व्‍यापक योजना

इंदौर सांसद शंकर लालवानी के अनुसार, सिंहस्थ के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने व्यापक योजना बनाई है. इंदौर, उज्जैन और आसपास के स्टेशनों से 300 से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जाएगा. इसी योजना के तहत इंदौर–उज्जैन मार्ग पर वंदे भारत मेट्रो को शटल सेवा के रूप में चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि आमतौर पर मेट्रो के लिए अलग ट्रैक की आवश्यकता होती है, लेकिन इस सेवा के लिए वर्तमान रेलवे ट्रैक का ही उपयोग किया जाएगा. सांसद लालवानी ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से चर्चा की थी, जिन्होंने सिंहस्थ से पहले इस सेवा को शुरू करने का आश्वासन दिया है.

40 से 45 मिनट में पूरा होगा सफर

वंदे भारत मेट्रो के जरिए इंदौर से उज्जैन का सफर करीब 40 से 45 मिनट में पूरा हो सकेगा. ट्रेन में एसी और नॉन-एसी सहित मेट्रो जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी. इस सेवा को ‘नमो भारत ट्रेन’ के नाम से भी जाना जाएगा. रेलवे सूत्रों के मुताबिक, यह वर्ल्ड क्लास 12 कोच की ट्रेन होगी, जिसके कोच खास तौर पर डिजाइन किए जा रहे हैं. ट्रेन की खासियत यह होगी कि यह मात्र 5 सेकेंड में 50 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार पकड़ने में सक्षम होगी. इस ट्रेन की शुरुआत पहले काशी में होगी, जिसके बाद इंदौर–उज्जैन रूट पर इसे चलाया जाएगा.

12 कोच के साथ चलेगी वंदे भारत मेट्रो

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, 12 कोच की इस वंदे भारत मेट्रो में 1150 से अधिक यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी, जबकि लगभग दो हजार यात्री खड़े होकर भी यात्रा कर सकेंगे. ट्रेन को विशेष रूप से तेज गति के लिए डिजाइन किया गया है. कुछ रूट पर इसकी अधिकतम डिजाइन स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा है, जबकि परिचालन गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है.

लक्ष्‍मीबाई नगर रेलवे स्‍टेशन का हो रहा विकास

सिंहस्थ-2028 को देखते हुए लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन का भी बड़े स्तर पर विकास किया जा रहा है. करीब 55 करोड़ रुपए की लागत से स्टेशन का उन्नयन किया जा रहा है, जिसमें 45 करोड़ रुपए स्टेशन विकास और 10 करोड़ रुपए फुट ओवरब्रिज के निर्माण पर खर्च किए जा रहे हैं. जानकारी के अनुसार, जनवरी 2026 तक निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है और फरवरी से स्टेशन के पूरी तरह ऑपरेशनल होने की संभावना जताई जा रही है.

27 मार्च से 27 मई तक होगा सिंहस्‍थ 2028 का आयोजन

सिंहस्थ-2028 का आयोजन 27 मार्च से 27 मई तक होगा, जिसमें 3 शाही स्नान और 7 पर्व स्नान निर्धारित हैं. अनुमान है कि इस महापर्व में 30 करोड़ से अधिक श्रद्धालु उज्जैन पहुंचेंगे. दो महीने तक चलने वाले इस आयोजन के लिए 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. वर्ष 2016 के सिंहस्थ में जहां 5 से 7 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे, वहीं इस बार संख्या कई गुना बढ़ने की उम्मीद है. इसी कारण इस बार की तैयारियां पहले से कहीं ज्यादा बड़े पैमाने पर और तेज रफ्तार से की जा रही हैं.

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