बंगाल चुनाव से पहले PM मोदी से मिले अधीर रंजन चौधरी, जानिए किन मुद्दों पर हुई बात
बंगाल चुनाव से पहले PM मोदी से मिले अधीर रंजन चौधरी
West Bengal Politics: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने आज मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा, इसके बाद मुलाकात भी की है. मुलाकात के दौरान उन्होंने बंगाल के प्रवासी मजदूरों को लेकर मुद्दा उठाया और कहा कि बंगाली बोलने वाले लोगों पर कई प्रदेशों पर हमले हो रहे हैं, इसको रोका जाए.
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन ने पीएम मोदी से कहा कि प्रवासी बंगाली मजदूरों पर हो रहे अत्याचार को रोकने में मदद करें. नहीं तो देश के कई हिस्सों में ऐसी घटना के बाद में समुदायों के बीच सांप्रदायिक तनाव और हिंसा हो सकती है. बता दें, पश्चिम बंगाल प्रवासी कल्याण बोर्ड ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया है कि उसे 10 महीनों में उत्पीड़न की 1,143 शिकायतें मिली हैं. इसमें खास बात यह है कि ज्यादातर मामले भाजपा शासित राज्यों से जुड़े हैं.
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "हमारे बंगाल के प्रवासी मजदूर पूरे देश में हैं। देश के कई सूबे हैं जहां उन पर अत्याचार हो रहे हैं। अमानवीय तरीके से उनके साथ वर्ताव किया जा रहा है। ओडिशा में कुछ दिन पहले हमारे… pic.twitter.com/nGCrc3oYnv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 30, 2025
‘बांग्लाभाषी’ और ‘बांग्लादेशी’ लोगों में कोई भेद नहीं
अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा, “भारी मन से मैं आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि पश्चिम बंगाल के प्रवासी कामगार विभिन्न राज्यों (विशेष रूप से भाजपा शासित राज्यों) में नियमित अंतराल पर गंभीर भेदभाव का सामना कर रहे हैं. यह विडंबना पूर्ण है कि पुलिस समेत प्रशासनिक अधिकारी ‘बांग्लाभाषी’ और ‘बांग्लादेशी’ लोगों में कोई भेद नहीं करते और बिना किसी अपराध के उन्हें जेल या हिरासत केंद्र में डाल दिया जाता है, जो घोर अन्याय है.
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ओडिशा की घटना दिलाई याद
आगे लिखा, “मैं ओडिशा के संबलपुर में हुई एक भयावह घटना का भी उल्लेख करना चाहता हूं, जहां मेरे जिले मुर्शिदाबाद के एक युवक जूल एस.के. की बांग्लादेशी घुसपैठिए होने के बहाने पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. माननीय प्रधानमंत्री जी, मेरे राज्य पश्चिम बंगाल के उन गरीब और दयनीय प्रवासी कामगारों की ओर से, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप देश की सभी राज्य सरकारों को इस मुद्दे के प्रति संवेदनशील बनाएं.”