MP News: CM मोहन यादव ने दूषित जल से बीमार हुए लोगों का हाल जाना, कहा- सरकार लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी
मुख्यमंत्री ने दूषित जल से पीड़ितों से मुलाकात कर उनका हाल जाना.
MP News: मध्य प्रदेश के इंदौर में दूषित जल से बीमार हुए लोगों का मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने हाल जाना. सीएम ने इंदौर में परदेशीपुरा चौराहे से सीधे वर्मा नर्सिंग होम पहुंचकर वहां भर्ती मरीजों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. वर्मा नर्सिंग होम में इस समय 17 बीमार मरीज भर्ती हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ईएसआईसी अस्पताल, डीएनएस हॉस्पिटल और शेल्बी हॉस्पिटल में भी भर्ती मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की.
सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार किसी भी हालत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि समय पर इलाज मिलने से स्थिति को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सका है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे.
40 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग हुई
मुख्यंत्री ने बताया कि अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है और प्रभावितों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने बताया कि सीवरेज और जलापूर्ति लाइनों की तकनीकी खामियों को दूर करने पर विशेष रूप से काम किया जाएगा. इस पूरे मामले को लेकर बुधवार को एसीएस और संबंधित अधिकारी अलग से बैठक कर आगे की कार्रवाई तय करेंगे. उन्होंने दो टूक कहा कि जनता के स्वास्थ्य से जुड़ी लापरवाही को सरकार गंभीर अपराध मानती है और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.
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— Vistaar News (@VistaarNews) December 31, 2025
कैबिनेट मंत्री और अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
सीएम ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की. बैठक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री तुलसी सिलावट, एसीएस संजय दुबे, कमिश्नर, कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता कर पूरे मामले की जानकारी दी. सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस घटना को अत्यंत दुखद बताया और दूषित पानी से जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
27 अस्पतालों में 149 मरीजों का चल रहा इलाज
इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 27 अस्पतालों में 149 मरीजों का इलाज चल रहा है. इंदौर के अस्पताल मरीजों से भर गए हैं. दूषित पानी पीने से मौत के मामले में नगर निगम की बड़ी लापवाही सामने आई है.
इंदर के भागीरथपुरा इलाके में 8 अगस्त को नर्मदा पाइपलाइन बदलने का टेंडर हुआ था. टेंडर खरीदने की आखिरी 15 सितंबर शाम 6 बजे की थी, जबकि टेंडर 17 सितंबर को 12 बजे खोला जाना था. लेकिन अधिकारियों ने टेंडर खोलन में 100 से ज्यादा दिन लगा दिए. पाइपलाइन बदलने का टेंडर 29 सितंबर शाम साढ़े 4 बजे खोला गया. अगर पाइपलाइन बदल जाती तो शायद इतनी मौतें ना होतीं और ना ही इतने लोग बीमार होते.
2-2 लाख की आर्थिक मदद का ऐलान
मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों को 2-2 लाख रुपये आर्थिक मदद का ऐलान किया है. साथ ही प्रभावित इलाकों में टैंकर्स से पानी की सप्लाई की जा रही है. इसके साथ ही किसी भी अन्य सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 7440440511 जारी किया गया है.
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