Ujjian News: साल में एक बार दोपहर में होती है महाकाल की भस्म आरती, जानें क्या है रहस्य

Baba Mahakaal Darbaar: महाकालेश्वर में दिन की भस्मारती वर्ष में केवल एक बार ही होती है. इसे देखने के लिए देशभर से श्रद्धालु एकत्रित होते हैं.
Baba Mahakal will be decorated with 20 quintals of flowers on Mahashivratri

महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल को 20 क्विंटल फूलों से सजाया जाएगा

Ujjian News: : यूं तो महाशिवरात्रि का पर्व देश भर में मनाया जाता है परन्तु बाबा महाकाल कि नगरी उज्जैन में इस पर्व कि बात ही कुछ निराली है. फाल्गुन माह के कृष्णपक्ष में राजाधिराज (महाकाल) के आंगन में विवाह अर्थात महाशिवरात्रि की धूम रहती है. विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग उज्जैन में स्तिथ महाकालेश्वर में परम्परा अनुसार शनिवार दोपहर में भस्मारती की गई. महाकालेश्वर में दिन की भस्मारती वर्ष में केवल एक बार ही होती है. इसे देखने के लिए देशभर से श्रद्धालु एकत्रित  होते हैं. शनिवार को हुई भस्मारती में हजारो की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. इससे पहले मंदिर के पुजारियों द्वारा सुबह महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाया गया और एक क्विंटल फूलों का सेहरा बांधा गया.

ये भी पढ़े: खजुराहो को लोकसभा चुनाव से पहले मिली वंदे भारत की सौगात, दिल्ली तक होगा सफर आरामदायक

नौ दिनों तक अलग-अलग रूपों में होता है श्रंगार

शिव नवरात्रि महोत्सव में नौ दिनों तक बाबा महाकाल का अलग अलग रूपों में श्रंगार होता है. इस श्रंगार का मुख्य उद्देश्य बाबा को दूल्हे के रूप में तैयार करना होता है. यह श्रृंगार उसी प्रकार होता है जिस प्रकार शादी से पहले दूल्हे को तैयार किया जाता है. उसी प्रकार कि रस्में बाबा महाकाल के साथ होती है. महाशिवरात्रि के दूसरे दिन 09 मार्च शनिवार को बाबा महाकाल राजा को दूध ,दही ,घी से पंचामृत स्नान कराया गया. इसके बाद चन्दन, इत्र व केसर सहित सुगन्धित द्रव्यों से लेपन किया गया. इसके बाद बाबा महाकाल को भस्म रमाई गई. भस्मी चढ़ाने के बाद बाबा को वस्त्रो से श्रृंगारित किया गया और फिर भस्मारती की गई. भस्मारती के साथ ही शिवनवरात्रि महोत्सव का भी समापन हो गया.

ज़रूर पढ़ें