“आपकी कड़ी मेहनत रंग लाई, हवाई अड्डे पर देखते बोल पड़े PM मोदी”, जानिए कौन हैं प्रधानमंत्री के दोस्त अशरफ आजाद

श्रीनगर एयरपोर्ट पर पीएम मोदी से मुलाकात करने वाला शख्स सफेद दाढ़ी के साथ काला कुर्ता और केसरिया रंग का वास्कट, सिर पर तिरंगे रंग की पगड़ी और कंधे पर बीजेपी का दुपट्टा पहने नजर आया.
Mohammad Ashraf Azad, pm modi

अशरफ आजाद

Mohammad Ashraf Azad: ‘विकसित भारत विकसित जम्मू-कश्मीर’ कार्यक्रम के तहत घाटी में कई विकास कार्यों का उद्घाटन करने के लिए पीएम मोदी कश्मीर दौरे पर थे. श्रीनगर हवाई अड्डे पर पीएम मोदी का स्वागत उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने किया. हालांकि, इन नेत पीएम मोदी ने एक 60 वर्षीय व्यक्ति से मुलाकात की और उनका और उनके परिवार के सदस्यों का हालचाल पूछा. उसी दिन कश्मीर से लौटने पर पीएम मोदी की श्रीनगर एयरपोर्ट पर एक बार फिर उसी शख्स से मुलाकात हुई. अपनी दूसरी बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने उनके प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “आजाद साहब,  (Mohammad Ashraf Azad) आपकी कड़ी मेहनत सफल हुई है. सभा में बहुत सारे लोग आये थे.”

पीएम मोदी से 3 दशक से ज्यादा पुरानी दोस्ती: अशरफ आजाद

श्रीनगर एयरपोर्ट पर पीएम मोदी से मुलाकात करने वाला शख्स सफेद दाढ़ी के साथ काला कुर्ता और केसरिया रंग का वास्कट, सिर पर तिरंगे रंग की पगड़ी और कंधे पर बीजेपी का दुपट्टा पहने नजर आया. जिस 60 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी उपस्थिति से कई लोगों को आश्चर्यचकित किया उनका नाम है अशरफ आजाद. इन्हें पीएम मोदी के ‘मेजबान और कश्मीरी दोस्त’ और घाटी से भाजपा के पहले मुस्लिम नेता के रूप में जाना जाता है.

आजाद बडगाम जिले के हाकरमुल्ला गांव के रहने वाले हैं. उनका कहना है कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री भी नहीं बने थे तब से हमारी दोस्ती है. आजाद का कहना है कि जब तीन दशक पहले मोदी ने घाटी का दौरा किया था तो उन्होंने कई दिनों तक अपने घर पर पीएम मोदी की मेजबानी भी की थी.

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भाजपा नेता की तिरंगा यात्रा ने आज़ाद की भविष्य की रणनीति को आकार दिया

आजाद कहते हैं कि जनवरी 1992 में अपनी तिरंगा यात्रा के दौरान पीएम मोदी तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के साथ भारतीय ध्वज फहराने के लिए श्रीनगर के लाल चौक पहुंचे. उन दिनों कश्मीर हिंसक उग्रवाद और आतंकवाद की चपेट में था. आतंकवादियों से मौत की धमकियों के बावजूद भारतीय तिरंगे को फहराने की उनकी साहसी घोषणा ने 26 वर्षीय एक युवा को आश्चर्यचकित कर दिया और वो युवा मैं था.

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