Iran-Israel Tension: ईरान का बदला, ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस ‘ के तहत इजरायल में दागे घातक शाहेद-136 ड्रोन

Iran-Israel Tension: हमले के बाद ही ईरान के विदेश मंत्रालय ने यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और जर्मनी के राजदूतों को तलब किया. बता दें कि इन देशों ने इजरायल के खिलाफ हमले के लिए ईरान की कड़ी निंदा की थी.
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ईरान का बदला पूरा, 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस ' के तहत इजरायल में दागे घातक शाहेद-136 ड्रोन

Iran-Israel Tension: इजरायल और हमास के बीच युद्ध का आज 191वां दिन है. गाजा में करीब 33 हजार से ज्यादा और इजरायल में लगभग 1200 से ज्यादा मौतें होने के बाद भी मिडिल ईस्ट में युद्ध जारी है. इस बीच जिस तीसरे मोर्चे की आशंका जताई जा रही थी, वह भी ईरान के हमले के बाद सच होता दिख रहा है. 1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी में ईरान के दूतावास परिसर पर हवाई हमले के बदले में ईरान ने पूरी रात इजरायल में 300 से ज्यादा ड्रोन दागे. बता दें कि इजरायल पर हमलों में ईरानी शाहेद-136 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था. जो सबसे घातक माने जाते हैं.

इजरायली हमले में ईरान में मारे गए थे 13 लोग

दरअसल, 1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी में ईरान के दूतावास परिसर पर हवाई हमला हुआ. इस हमले में दो ईरानी जनरलों और पांच सैन्य सलाहकारों सहित 13 लोग मारे गए थे. ईरान ने इसके लिए इजरायल को दोषी ठहराया, ऐसा इसलिए था कि इजरायल ने सीरिया में ईरानी ठिकानों पर नियमित रूप से हमले किए हैं. वहीं इस हमले में इजराइल ने वाणिज्य दूतावास पर हमले की न तो पुष्टि की और न ही इनकार किया. इसके बाद ही इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस ‘ के तहत इजरायल में पूरी रात ड्रोन हमले किए.

कई देशों के पर ईरान ने लगाए गंभीर आरोप

हमले के बाद ही ईरान के विदेश मंत्रालय ने यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और जर्मनी के राजदूतों को तलब किया. बता दें कि इन देशों ने इजरायल के खिलाफ हमले के लिए ईरान की कड़ी निंदा की थी. ईरान के विदेश मंत्रालय में पश्चिमी यूरोप के तीनों देशों पर दोहरे मानदंड अपनाने का भी आरोप लगाया. ईरान ने यह भी कहा कि इन देशों ने इजरायल की ओर से 1 अप्रैल को किए गए हमले की निंदा नहीं की थी.

हमला को रोकने में फ्रांस-अमेरिका ने की मदद

एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी नौसेना बलों ने इजरायल की ओर बढ़ रहे लगभग 70 ईरानी हमलावर ड्रोनों को मार गिराया था. यह ड्रोन भूमध्य सागर में एक ईरानी नौसेना के एक विध्वंसक पोत से दागी गई थी. वहीं इजरायल ने दावा किया कि अमेरिकी सैन्य सहायता के अलावा, हमले के दौरान फ्रांस ने भी उसकी मदद की थी. इसके साथ ही ईरान के विदेश मंत्री ने भी कहा है कि हम किसी भी नए हमले के खिलाफ अपने हितों की रक्षा करने में संकोच नहीं करेंगे.

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कई देशों की हवाई परिचालन पर पड़ा असर

ईरान की ओर से इजरायल पर दर्जनों ड्रोन और मिसाइलें दागे जाने के बाद मध्य पूर्व की प्रमुख एयरलाइन्स कंपनियों ने अपनी कुछ उड़ानों को रद्द करने की घोषणा की है, जबकि कई के मार्ग में परिवर्तन किया है. संयुक्त अरब अमीरात की एमिरेट्स एयरलाइंस ने रविवार को अपनी कुछ उड़ानें रद्द कर दीं, जबकि एतिहाद एयरवेज ने तेल अवीव और अम्मान के लिए अपनी सेवाएं रद्द कर दी. अरब देशों की ओर से अपने हवाई क्षेत्रों को अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा के बाद लेबनान, मिस्र और कुवैत ने भी इसी तरह की ही घोषणाएं की. इस बीच, इजरायली एयरलाइन्स ने कहा कि सुबह 7:30 बजे अपना हवाई क्षेत्र फिर से खोलने के बाद परिचालन सामान्य हो रहा है.

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