Elon Musk के भारत दौरे से पहले FDI नियमों में बड़ा बदलाव, अब Space Sector में 100 फीसदी तक विदेशी निवेश की अनुमति

सरकार ने फरवरी में स्पेस सेक्टर में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) बढ़ाने के लिए नियमों में बदलाव किया था, अब वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को इन FDI के साथ तालमेल बैठाने के लिए FEMA (Foreign Exchange Management Act) नियमों में भी संशोधन कर दिया है.
एलन मस्क

एलन मस्क

FDI In Space Sector: स्टारलिंक प्रमोटर एलन मस्क की भारत यात्रा से पहले केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कुछ अंतरिक्ष क्षेत्र की गतिविधियों में 100% तक FDI की अनुमति देने के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (Foreign Exchange Management Act) के नियमों में बदलाव किया है. मस्क सोमवार को भारत का दौरा करेंगे. मामले की जानकारी रखने वालों की मानें तो मस्क इस यात्रा के दौरान करीब 2 बिलियन डॉलर (16,000 करोड़ रुपये से अधिक) से 3 बिलियन डॉलर (25,000 करोड़ रुपये से अधिक) के निवेश की घोषणा कर सकते हैं.

स्टारलिंक कंपनी से बड़े ऐलान की उम्मीद

मंगलवार को जारी गजट अधिसूचना के जरिए अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एफडीआई नीति में बदलाव किए गए हैं. सरकार का यह फैसला ठीक उस समय आया है जब एलन मस्क भारत आ रहे हैं और ऐसी संभावना है कि वह उपग्रह के जरिए इंटरनेट सेवाएं देने वाली स्टारलिंक कंपनी के संबंध में बड़े ऐलान कर सकते हैं. मस्क 21-22 अप्रैल की अपनी भारत यात्रा के दौरान विभिन्न भारतीय अंतरिक्ष कंपनियों के ऑनर से मुलाकात कर सकते हैं और देश में ज्यादा से ज्यादा निवेश कर सकते हैं.

पहले FDI नियम बदले, अब FEMA में संशोधन

बता दें कि सरकार ने फरवरी में स्पेस सेक्टर में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) बढ़ाने के लिए नियमों में बदलाव किया था, अब वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को इन FDI के साथ तालमेल बैठाने के लिए FEMA (Foreign Exchange Management Act) नियमों में भी संशोधन कर दिया है. इससे पहले 21 फरवरी 2024 को कैबिनेट ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने और निजी कंपनियों को स्पेस सेक्टर में बढ़ावा देने के लिए FDI नियमों में बदलावों को मंजूरी दी थी. इसके बाद इसे DPIIT ने भी मार्च, 2024 में नोटिफाई कर दिया था.

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क्यों किया गया ये बदलाव?

इंडियन स्पेस पॉलिसी 2023 के मुताबिक, इन बदवालों के जरिए सरकार ज्यादा से ज्यादा निजी कंपनियों को स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लेकर आना चाहती है. नए FDI नियमों के मुताबिक सरकार ने सैटेलाइट निर्माण और संचालन, सैटेलाइट डेटा प्रोडक्ट्स और ‘ग्राउंड’ और ‘यूजर’ सेगमेंट के लिए ऑटोमैटिक रूट के जरिए 74% तक FDI को मंजूरी दी है. इससे ज्यादा के निवेश पर सरकार की मंजूरी लेनी होगी. हालांकि, सरकार से मंजूरी लेने के बाद कंपनियां स्पेस सेंटर में 100 फीसदी तक इनवेंस्टमेंट कर सकती है.

 

 

 

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