MP News: एमपी सरकार के पास केरल में ‘600 हेक्टेयर का चाय बागान’, अरबों की प्रॉपर्टी पर कब्जा और अफसरों के छूट रहे पसीने
MP News: महाराष्ट्र, दिल्ली, कई राज्यों में स्थित मप्र सरकार की अरबों की संपत्तियों राज्यों में प्रॉपटी का ब्यौरा अभी तक विभागों ने उपलब्ध नहीं कराया है. मप्र वित्त विभाग ने सभी विभागों से मप्र सरकार की बेशकीमती संपत्तियों का डिटेल देने को कहा था, किंतु अभी तक में कुछ को छोड़कर बाकी किसी भी विभाग ने कोई जानकारी नहीं दी गई है. खास बात है कि सरकार ने यह भी कहा था कि जिन संपत्तियों पर कब्जा है तो संबंधित विभाग के अफसरों को कब्जा हटवाना है लेकिन अब अफसरों के पसीनें छूट रहे हैं.
इससे सरकार के पास अभी तक यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि आखिर में कितनी संपत्ति, किस राज्य में मौजूद है, मोहन सरकार राज्य के बाहर स्थित अपनी संपत्तियों की समीक्षा करने वाली है. इसके तहत उन सभी संपत्तियों की सभी तरह की जानकारी जुटाकर उसका लेखा-जोखा खंगालने का निर्णय लिया गया है. पिछले दिनों वित्त विभाग ने सभी विभागों से इस संबंध में जानकारी मांगी है, ताकि राज्य की संपत्तियों का उचित संधारण और उपयोग सुनिश्चित किया जा सके. मुख्य सचिव वीरा राणा से सभी विभागों से अद्यतन जानकारी देने को कहा है.
मुख्य सचिव राणा करेंगे समीक्षा
मुख्य सचिव वीरा राणा इस मामले की समीक्षा करेगी. उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि वे अपनी संपत्तियों की स्थिति और उपयोगिता पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें. यह कदम सुनिश्चित करेगा कि राज्य की संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग हो और उनकी देखभाल में किसी भी तरह की लापरवाही न हो. राज्य के बाहर स्थित संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग और रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. इससे न केवल इन संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि उनके उपयोग से राज्य को आर्थिक लाभ भी हो सकता है.किंतु जानकारी नहीं मिलने की वजह से इस पर अभी कुछ भी नहीं हो पाया है.
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ज्यादातर बेशकीमती संपत्तियों पर अनधिकृत कब्जा
दरअसल, मप्र सरकार की अरबों रुपए की संपत्तियां केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तरप्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में है. इनमें से ज्यादातर बेशकीमती संपत्तियों पर अनधिकृत कब्जा है. 6 संपत्तियों को तो दशकों से काफी कम राशि पर लीज या किराए पर दी गई है. सबसे दिलचस्प यह है कि किसी भी सरकार ने इस पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया. कई इसकी जानकारी जुटाई गई, किंतु लिटमेशन के मामलों की वजह से सब कुछ ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. अब एक बार फिर से वित्त विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर उनसे कहा है कि वे सरकार की उन संपत्तियों की डिटेल जानकारी इकट्ठा कर उपलब्ध कराए, ताकि उस पर आगे की कार्रवाई की जा सके.
22 मई तक विभागों ने नहीं भेजा जानकारी
मध्य प्रदेश सरकार की मुंबई में अरबों रुपए की संपत्ति है. किंतु उन संपत्तियों पर अवैध कब्जा बरकरार है. केरल में 600 हेक्टेयर का चाय बागान भी मप्र सरकार के पास है. इस चाय बागान को काफी कम राशि पर लीज पर दी गई है. इसकी देखरेख करने वाली कंपनी भी अवैध कब्जा आदि की वजह से हाथ खड़े कर चुकी है. वित्त विभाग ने संपत्तियों की विस्तृत जानकारी मांगी है. यह जानकारी 22 मई 2024 तक साझा करने को कहा गया था. वित्त विभाग ने कहा था कि अनिवार्य रूप से संपत्तियों की जानकारी दी जाए, ताकि बजट प्रक्रिया में इन संपत्तियों का समुचित आकलन किया जा सके.