MP News: Environment Clearance देने वाली सिया और सेक में अध्यक्ष-सदस्यों का 10 जून को खत्म होगा कार्यकाल, प्रोजेक्ट्स पर पड़ सकता है असर
MP News: मध्य प्रदेश में रेत सहित अन्य खदानों और विकास कार्यों को वन एवं पर्यावरण की अनुमति देने के लिए गठित स्टेट इनवायरमेंट इम्पेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (सिया) और स्टेट अप्रेजल कमेट (सेक) के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 10 जून को समाप्त हो रहा है. इन दोनों संस्थाओं में रेत खदानों और न्य विकास कार्यों की पर्यावरण अनुमति देने से जुड़े सैकड़ों मामले लंबित हैं.
सरकार ने वर्तमान अध्यक्ष और सदस्यों के कार्यकाल बढ़ाने के भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा है. वहीं दोनों संस्थाओं के अध्यक्ष और सदस्यों के पुनर्गठन के लिए तैयारी की जा रही है. सिया के अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएएस अरुण भट्ट हैं, जबकि सेक के अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी पीसी दुबे हैं. यह है नई बॉडी की प्रक्रिया दोनों ही संस्थाओं के अध्यक्ष और सदस्यों का गठन तीन साल के लिए होता है. नियुक्तियां सरकार की सहमति के बाद की जाती है. नई बॉडी के गठन में तीन से चार माह का समय गठन में तीन से चार माह का समय लग सकता है.
ये भी पढे़ं: एमपी में जुलाई से PHQ की आधा दर्जन शाखाएं हो जाएंगी खाली, DGP बनने के लिए शुरू हुई IPS के बीच लॉबिंग
नए सदस्यों की नियुक्ति के लिए लगेगा समय
सरकार ने चुनाव से पहले इन दोनों संस्थाओं में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए आवेदन बुला लिए हैं. लेकिन स्क्रूटनी में तीन माह का समय लगेगा. अध्यक्ष, सिया अरुण भट्ट का कहना है कि सिया में नियमितमामले आते हैं और इनकी सुनवाई भी की जाती है. सरकार ने तीन वर्ष के लिए मेरी नियुक्ति की है, जो दस जून का समाप्त हो जाएगा। सरकार कोइस पर निर्णय लेना है.
फैक्ट
रेत खदानें- 200 से अधिक मामले पेंडिंग
गिट्टी, पत्थर माइन- 100
सिया की अनुमति के लिए 500 से अधिक केस पेडिंग