MP News: प्रधान महालेखाकार पर हावी ब्यूरोक्रेसी! ऑडिट के लिए नहीं भेजा 3 लाख करोड़ से अधिक का हिसाब-किताब, एजी को होगी मुश्किल
MP News: सरकारी सिस्टम ने प्रधान महालेखाकार को भी अपने रवैये का शिकार बना दिया है. पिछले एक महीने से लगातार कई बार पत्र लिखने के बाद भी सरकार के कर्ज की जानकारी नहीं दी गई है. अप्रैल से लगातार एजी आफिस की ओर से फाइनेंस को पत्र लिखा गया है कि लोन, लोन की माफी और सरकार ने कर्ज के समय गिरवी रखे शेयर का ब्यौरा दिया जाए. मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर ऑडिट होना है.
इसके बावजूद अधिकांश विभागों ने एजी को रिपोर्ट नहीं है. हैरत की बात है कि मोहन सरकार अपना पूर्णकालिक पहला बजट पेश करने वाली है. लेकिन इससे पहले लाल फीताशाही ने एजी को ही गुमराह कर दिया है. एजी ने अप्रैल से लेकर मई के बीच 5 बार पत्र लिखे हैं और कहा है कि कर्ज की रिपोर्ट दी जाए. इसके बाद भी कई विभागों ने जानकारी जरूरी है और वह भी आधी अधूरी भेजी.
अब मुश्किल पैदा हो गई है कि आखिर सरकार के बजट से पहले एजी रिपोर्ट विधानसभा के सत्र के दौरान पेश नहीं कर पाएगा. यानी कि सरकार की किरकिरी होने से बचाने के लिए अफसरों ने एजी को ही गुमराह कर दिया है. दरअसल, मध्य प्रदेश में अबतक 3 लाख 70 हजार करोड़ रुपए से अधिक कर्ज है. सरकार ने आबीआई ने लोन की रकम लेने के लिए बकायदा बांड भी गिरवी रखा है. ऐसे में एजी भी जानना चाहती है कि आरबीआई ने लोन देने से जब इंकार कर दिया है तो सरकार की आर्थिक स्थिति बिगड़ी क्यों है.
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अप्रैल में इन विषयों की मांगी थी जानकारी
साल 2023-2004 में माह जनवरी-2024 तक लोन को इक्विटी और गान्ट आफ कंवर्जन के संबंध में जानकारी दी जाए.
साल 2023-24 में माह जनवरी 2024 तक लोन राइट आफ की रिपोर्ट एजी आफिस में जमा कराने के लिए कहा गया.
साल 2023-24 में जनवरी 2024 तक बांड शेयर इश्यूड फेवर आफ गर्वमेंट ओन इन्ट्री की भी जानकारी उपलब्ध कराएं.
यह भी कहा था कि 30 जनवरी 2024 में पत्र लिखते हुए एक और रिपोर्ट मांगी गई थी. यह 5 महीने के बाद भी नहीं मिली है.