केंद्रीय मंत्रिमंडल में विंध्य को फिर नहीं मिली जगह, अर्जुन सिंह के बाद नहीं बना कोई मंत्री
Modi Cabinet: केंद्र में तीसरी बार मोदी मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है. मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से पांच सांसदों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. लेकिन विंध्य को फिर किनारे कर दिया गया है. उम्मीद थी कि इस बार विंध्य से किसी न किसी सांसद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. एक बार फिर विंध्य के लोगों को निराशा हाथ लगी है. देखा यह जा रहा है कि पिछले तीन चुनावों से विंध्य की जनता भाजपा का ही सांसद चुन रही है लेकिन भाजपा ने विंध्य को नजरंदाज कर दिया. इससे विंध्य के लोगों में मायूसी है.
बता दें कि दिवंगत अर्जुन सिंह के बाद विंध्य के किसी भी नेता को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पायी है. 2024 के चुनाव में भाजपा गठबंधन सरकार में विंध्य को महत्व मिलने का कयास लगाया जा रहा था. वजह यह कि सतना से लगातार पांच बार चुनाव जीतकर गणेश सिंह, रीवा से लगातार तीन बार चुनाव जीतकर जनार्दन मिश्रा और शहडोल से लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर हिमाद्री सिंह संसद तक पहुंची थी. माना जा रहा था कि पिछड़ा वर्ग कोटे से गणेश सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.
कांग्रेस कार्यकाल में विंध्य को मिला था महत्व
पिछले तीन दशक में भाजपा 6 बार सत्ता में आई है. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 13 दिन, फिर 13 महीने और पूरे पांच साल. 2014 से लगातार मोदी सरकार है. लेकिन किसी कार्यकाल में विंध्य के किसी नेता को महत्व नहीं दिया गया. इसके पूर्व कांग्रेस कार्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अर्जुन सिंह को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया गया था. 2004 के बाद मनमोहन सिंह सरकार में लगातार दो बार अर्जुन सिंह को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री बनाया गया. इसके बाद से किसी का नंबर ही नहीं लगा है.
लगातार तीन चुनावों से भाजपा का है कब्जा
विंध्य में चार लोकसभा सीटें हैं. पिछले तीन चुनावों से विंध्य की सभी सीटों पर पर भाजपा का कब्जा है. 2014 में रीवा से जनार्दन मिश्रा, सतना से गणेश सिंह, सीधी से रीती पाठक, शहडोल से दलपत सिंह परस्ते जीते थे. 2019 में रीवा से जनार्दन मिश्रा, सतला गणेश सिंह, सीधी रौती पाठक व शहडोल से हिमाद्री सिंह और 2024 में रीवा से फिर जनार्दन मिश्रा, सतना से गणेश सिंह, शहडोल से हिमाद्री सिंह और सीधी भाजपा के नए उम्मीदवार डॉ. राजेश मिश्रा को जीत मिली. इसके पूर्व विंध्य की आधी सीटों में भाजपा का कब्जा रहा है. इसके बावजूद विंध्य की उपेक्षा लोगों को लग रही है. उम्मीद थी की गणेश सिंह को नहीं लिया गया तो आदिवासी कोटे से हिमाद्री सिंह को शामिल किया जाएगा. सामान्य कोटे से जनार्दन को भी लिया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. किसी भी सांसद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया.