Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर सियासी बवाल! सीएम विष्णु बोले- ‘मिशनरी रुकेगा तो हिंदुत्व को मिलेगा ताकत’

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के पहले फिर से धर्मांतरण का मुद्दा सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार रही तब भी धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा राज्य में बना रहा. लेकिन अब बीजेपी सरकार आई है, तब भी धर्मांतरण के मामले में राजनीतिक बहस जारी है. एक तरफ कांग्रेस बीजेपी से पूछ रही है कि केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है तो धर्मांतरण कानून क्यों नहीं ला रहे हैं? वहीं दूसरी तरफ भाजपा का दावा है कि धर्मांतरण संवेदनशील मुद्दा है और इससे निपटने के लिए तैयार है.

दरअसल, धर्मांतरण के मुद्दे पर राजनीतिक बवाल राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के एक बयान से हुई. उन्होंने रविवार को रायपुर में एक निजी कॉलेज के वार्षिक उत्सव “संस्कार”  में मंच से कहा कि आज मिशनरी लोगों का बोलबाला है. एजुकेशन और हेल्थ में हावी हैं. इसके आड़ में धर्मांतरण ज्यादा करते हैं. मिशनरी रुकेगा तो हिंदुत्व को एक ताकत मिलेगी. बस्तर सरगुजा में शिक्षा का अलख जगाना जरूरी है, ट्राइबल क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा देंगे तो ज्यादा आत्म को संतुष्टि मिलेगी.

कांग्रेस ने कहा- चर्च की संख्या को लेकर श्वेतपत्र जारी करे सरकार

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बयान से ये बात साफ हो गई है कि राज्य में जब कांग्रेस की सरकार रही तब भी कांग्रेस धर्मांतरण को हवा हवाई बता रही थी. लेकिन बीजेपी सरकार मान रही है कि राज्य में धर्मांतरण हो रहा है. इसे रोकने के लिए बड़े निर्णय लेने के दावे कर रही है. तब कांग्रेस ने इसे लोकसभा चुनाव से जोड़कर बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है.

कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि चर्च की संख्या को लेकर सरकार श्वेतपत्र जारी करे. रमन सिंह और भूपेश बघेल के शासन में कितने चर्च बने. राज्य सरकार श्वेत पत्र जारी कर यह स्पष्ट करें? कांग्रेस के शासनकाल में कोई भी चर्च नहीं बना है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर BJP धर्मांतरण का मुद्दा उठा रही है.

बीजेपी ने कहा- कांग्रेस ने एसपी का लिखा पत्र पढ़ा नहीं

धर्मांतरण को लेकर कांग्रेस के बयान पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है. बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता का कहना है कि धर्मांतरण संवेदनशील मुद्दा है, भूपेश की सरकार में एक आईपीएस ने सुकमा से पत्र जारी किया था. उसमें कहा गया था आदिवासियों की संस्कृतियों पर आक्रमण हो रहा है. ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण करा रही है, क्या ये पत्र उन्होंने नहीं पढ़ा था? बीजेपी इस मुद्दे पर सख्ती से निपटने के लिए तैयार हैं

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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले बिलासपुर जिले के शासकीय प्राथमिक शाला भरारी का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. इसमें प्रधान पाठक रतन लाल सरोवर बच्चों को शपथ दिलवा रहा रहे है कि वे ब्रह्मा, विष्णु और महेश को नहीं मानेंगे. न ही उन्हें भगवान मानेंगे. इसके अलावा राम-कृष्ण को ईश्वर का अवतार नहीं मानेंगे. जब ये वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो तत्काल बिलासपुर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है.

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