Chhattisgarh: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर केंद्रीय मंत्री तोखन साहू होंगे मुख्य अतिथि, भाजपा के विधायकों का कद घटा
Chhattisgarh News: बिलासपुर में राजनीतिक खींचतान जारी है. भारतीय जनता पार्टी हो या कांग्रेस दोनों के पदाधिकारी अपने-अपने वजूद को लेकर लकीरें खड़ी करने में लगे हैं. बिलासपुर में भारतीय जनता पार्टी के सांसद तोखन साहू मोदी मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री बनाए गए हैं, तो जाहिर सी बात है उनका कद बढ़ गया है. यही कारण है की पहली बार उन्हें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जा रहा है. दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री बनने के बाद स्थानीय नेताओं का कद घट गया है. बिलासपुर विधायक से लेकर डिप्टी सीएम तक केंद्रीय मंत्री के आगे बौने साबित हो रहे हैं यही कारण है कि केंद्रीय मंत्री के पीछे चलना अब उनकी मजबूरी बन गई है.
बिलासपुर में नेताओं के वर्चस्व पर भी संकट
भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद बिलासपुर में नेताओं के वर्चस्व को लेकर एक बार फिर संकट खड़ा हो गया है। लोकसभा चुनाव से पहले बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल मुख्य अतिथि के तौर पर हर जगह बुलाई जा रहे थे लेकिन केंद्रीय मंत्री बनने के बाद तोखन साहू हर जगह आमंत्रित हो रहे हैं. इसके अलावा बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह और बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला की पूछपरख थोड़ी कम हो गई है. यही वजह है कि कांग्रेस भी अब इस बात को बोलने से नहीं छूट रही है कि भारतीय जनता पार्टी के भीतर खाने में आपसी खींचतान का माहौल बनते जा रहा है.
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अमर अग्रवाल बन सकते हैं मंत्री, लेकिन सवाल कई
पिछले दिनों कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बीच आपसी की स्थान को लेकर तंज कसा है. उनका कहना है कि नेताओं में मंत्रिमंडल के बंटवारे और वजूद को लेकर मतभेद शुरू होने लगा है. बृजमोहन अग्रवाल की इस्तीफा के बाद अमर अग्रवाल मंत्री बनने की रस्तक रहे हैं लेकिन आने वाले समय में उनका रास्ता साफ हो रहा है या नहीं यह भी बड़ी बात है. यही वजह है कि सारे नेताओं में अब थोड़ी दूरियां दिखने लगी हैं. राजनीति के लिहाज से बिलासपुर बड़ा क्षेत्र है और छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा शहर यही कारण है कि लोगों की निगाहें यहां पर पूरी तरह टिक गई है.
कौन किसका सरपरस्त?
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर विधानसभा लोक सभा सेट की तासीर थोड़ी अलग है. लखीराम के बेटे हमारा अग्रवाल ने पहले साल 2019 में डिप्टी सीएम अरुण साव को टिकट दिलवाया. लेकिन सांसद बनने के बाद अरुण साव अमर अग्रवाल के उन नेताओं के साथ नजर आने लगे जिनसे अमर दूरियां बनाते दिखाते रहे. यही कारण रहा कि दोनों के बीच दूरियां धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. दूसरी तरफ तोखन साहू के केंद्रीय मंत्री बनने से भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं का कद घट गया है, लेकिन तोखन को केंद्रीय मंत्री के तौर पर स्वीकार करना उनकी लाचारी है, और उनके साथ-साथ चलना उनकी मजबूरी भी कुल मिलाकर फिलहाल तो यही तस्वीर रहेगी कि जहां भी केंद्रीय मंत्री जाएंगे मुख्य अतिथि रहेंगे.