MP News: ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में बड़ा कारनामा, रिजल्ट आने से पहले छात्रों की कॉपियां हुई गायब

Gwalior News: विश्वविद्यालय प्रबंधन के मुताबिक बीकॉम ऑनर्स और बीएससी ऑनर्स थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा जनवरी माह में आयोजित की गई थी.
Copies of students have once again gone missing in Jiwaji University.

जीवाजी विश्वविधालय में विद्यार्थियों की कॉपियां एक बार फिर गायब हो गयी है.

Gwalior News: ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी डबल ए प्लस ग्रेड की यूनिवर्सिटी है, लेकिन इसकी चर्चा कुछ और ही कारनामो के लिए होती है एक बार ऐसी ही एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. नया सत्र शुरू होने को है लेकिन यहां बीकॉम और बीएससी ऑनर्स सेमेस्टर का रिजल्ट ही नही आया, क्योंकि उसका दावा है कि उन्होंने इनकी कॉपी डाक से जांचने के लिए भेजीं थीं लेकिन वे रास्ते मे ही खो गईं. जहां यूनिवर्सिटी के, विद्यार्थियों की कॉपियां एक बार फिर गायब हो गयी है. विश्वविधयालय इसे महज मानवीय भूल बता रहा है और छात्रों को एवरेज अंक देने की बात कह रहा है जबकि छात्र इसे बड़ा घोटाला बताते हुए सीबीआई जांच की मांग कर रहे है.

SPEED POST के जरिए भिंड भेजी गई थी कॉपी

विश्वविद्यालय प्रबंधन के मुताबिक बीकॉम ऑनर्स और बीएससी ऑनर्स थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा जनवरी माह में आयोजित की गई थी. इसके बाद कॉपियों को मूल्यांकन कराया जाना था. अलग-अलग विषय की कॉपियां अलग-अलग मूल्यांकर्ता के पास भेजना थी. इसी क्रम में बीकॉम ऑनर्स थर्ड सेमेस्टर की 50 और बीएससी ऑनर्स की 18 का के दो बंडल स्पीड पोस्ट के जरिए भिंड भेजी गई थी, लेकिन यह कॉपियां भिंड नहीं पहुंची. जब मूल्यांकर्ता ने इसकी शिकायत यूनिवर्सिटी प्रबंधन से की है. जिसके बाद यूनिवर्सिटी का प्रशासन अब मामले को छुपाने में लगा हुआ है.

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पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

बता दें कि इससे पहले भी जीवाजी यूनिवर्सिटी की कॉपियां जांचने के दौरान गायब हुई है. छात्र इसे बड़ा घपला बता रहे है. एनएसयूआई के उपाध्यक्ष वंश महेश्वरी का कहना है कि कॉपी मूल्यांकन विवि का एक बड़ा घपला है और इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए और इसकी भी कि जब ग्वालियर में विद्धवान प्रोफेसर और शिक्षक है तो कॉपी बाहर क्यों भेजी जा रही है. उनका आरोप है कि यह सब कमीशन खोरी का रास्ता है. बहरहाल जीवाजी विश्वविद्यालय का यह पहला मामला नहीं है इससे पहले कई बार रिश्वतखोरी और लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं इसके बावजूद भी जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन सुधरने का नाम नहीं ले रहा है.

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