MP News: ग्वालियर में दर्दनाक हादसा, तीन मंजिला मकान में आग लगी, पिता सहित दो बेटियां जिंदा जली

Gwalior News: आग की लपेटे इतनी भीषण थी कि अंदर घर में मौजूद पिता और दो बेटियों की मौत हो गई.
A fire broke out in a three-storey house in Kailashnagar at around 3 o'clock last night.

कैलाशनगर में बीती रात लगभग तीन बजे तीन मंजिला मकान में आग लग गई.

Gwalior News: ग्वालियर में सुबह भीषण आगजनी की घटना सामने आई है. बहोड़ापुर थाना इलाके के कैलाशनगर में बीती रात लगभग तीन बजे तीन मंजिला मकान में आग लगने से पिता और दो बेटियां जिंदा जल गए. आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है. सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और इन तीनों शवो को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

यह है पूरा मामला

बता दें कि, कैलाशनगर में विजय उर्फ बंटी अग्रवाल की तीन मंजिला इमारत में ग्राउंड फ्लोर पर ड्राय फ्रूट्स की शॉप और सेकंड फ्लोर पर गोदाम है. इस मकान के तीसरे फ्लोर पर वे परिवार के साथ रहते थे. विजय की पत्नी राधिका, बेटे अंश के साथ ससुराल मुरैना गई हुई थीं. घर पर विजय, उनकी दो बेटियां ईशू और मिनी ही थे. बीती रात पिता और दोनो बेटियां खाना खाकर सो गए थे,लेकिन रात मकान से लपटें उठती देखी गईं. घर से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता नीचे से है यहां आग फैली हुई थी.

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पिता और 2 बेटियों की गई जान

भीषण आग में पिता और दोनों बेटियां आग में घिर गए और बाहर नहीं निकल सके. आग की लपेटे इतनी भीषण थी कि अंदर घर में मौजूद पिता और दो बेटियों की मौत हो गई. आग की लपटे देखने के बाद पड़ोसी बाहर निकली और उसके बाद उन्होंने फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी. फायर ब्रिगेड गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया. फायर ब्रिगेड विभाग के अधिकारी अतिवाल यादव का कहना है कि लगभग 4 बजे उन्हें सूचना मिली थी तत्काल फायर बिग्रेड की गाड़ियां मौके के लिए रवाना की गई और उसके बाद आग पर काबू पाया.

जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की मांग

वहीं स्थानीय लोगो का कहना गई कि फायर ब्रिगेड की लापरवाही से तीन जाने गई जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाही होनी चाहिए. घटना के बाद फायर ब्रिगेड की लापरवाही और उदासीनता से तीन लोगों की जान चली गई. सूचना के बाद भी फायर ब्रिगेड 1-30 घण्टे देर से घटना स्थल पर पहुंची और उनके साथ पर्याप्त राहत सामग्री नहीं थी न तो लंबी सीडी थी और न ही दीवार तोड़ने के औजार दो मंजिल और तीसरी मंजिल तक फायर ब्रिगेड नहीं पहुँच पायी. लगभग 4:30 पर पीछे के मकान की दीवार तोड़ कर तीनों को 5 बजे बाहर निकाला गया अगर तीन बजे के आसपास पीछे के मकान की दीवार तोड़ दी गई होती तो तीनों जानो को बचाया जा सकता था. फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी के साथ दूसरी गाड़ी और होती तो आग पर जल्दी काबू किया जा सकता था. फायर ब्रिगेड के जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए.

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