MP News: Gwalior के जीवाजी विश्वविद्यालय के कैंपस में लगी भीषण आग, छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला गया
MP News: ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय न्यूरोसाइंस कैंपस में भीषण आग लग गई. न्यूरोसाइंस डिपार्टमेंट के फर्स्ट फ्लोर स्थित लैब में आग लगने से हड़कंप मच गया. आनन फानन में खिड़कियों के कांच तोड़ कर छात्र छात्राओं को बाहर निकाला गया. दमकल की आधा दर्जन से अधिक गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. आगजनी के पीछे डीप फ्रीजर और AC में ब्लास्ट होना माना जा रहा है, वहीं आगजनी में लाखों के नुकसान का आंकलन भी किया जा रहा है.
MSC फोर्थ सेमिस्टर की चल रही थी वायवा परीक्षा
दरअसल, ग्वालियर के जीवाजी विश्विद्यालय के न्यूरोसाइंस भवन में आग लग गयी. आग की घनी लपटों और आसमान छूते धुंए को कई किलोमीटर दूर से देखा गया. आग बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर न्यूरोसाइंस लैब में लगी थी. उस दौरान सेंकड फ्लोर पर MSC फोर्थ सेमिस्टर की वायवा परीक्षा चल रही थी. आग के धुंए से जब छात्र छात्राओं को घुटन महसूस होना शुरू हुई तब मालूम हुआ कि नीचे फर्स्ट फ्लोर लैब में भीषण आग लगी है. आनन फानन में कर्मचारियों ने पहले बिल्डिंग के काँचो को हाथों से फोड़ा फिर छात्र छात्राओं को केम्पस से बाहर निकाला गया. मौके पर फायर अमले की टीम भी पहुंची जहाँ आधा दर्जन से अधिक फायर फाइटिंग गाड़ियों से पानी की बौछार कर उस पर काबू पाया गया.
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हाथों से तोड़े खिड़कियों के कांच
यूनिवर्सिटी के रजिस्टर अरुण चौहान का कहना है कि फिलहाल आपके पीछे वास्तविक कारण नहीं बताया जा सकता है लेकिन लैब होने के चलते आग में विकराल रूप लिया. वही कांच तोड़कर छात्राओं की जान बचाने वाले यूनिवर्सिटी के कर्मचारी निरंजन का कहना है कि सबसे पहली प्राथमिकता छात्र-छात्राओं को बचाने की थी इसलिए हाथों से खिड़कियों के कांच तोड़े ताकि किसी भी प्रकार से छात्र-छात्राओं को दम घुटने की परेशानी ना हो. वहीं फायर ब्रिगेड के नोडल अधिकारी डॉ अतिबल सिंह यादव ने आग लगने के पीछे लैब के AC और डीप फ्रीजर में ब्लास्ट होना माना है.
गौरतलब है कि जीवाजी विश्वविद्यालय की न्यूरो साइंस लैब में आग लगे और उसकी चपेट में MSC की क्लासरूम आने से लाखों के नुकसान का आंकलन किया जा रहा. फिलहाल विश्वविद्यालय प्रबंधन ने आग लगने के पीछे के कारणों को जानने और नुकसान का आकलन करने कमेटी गठित कर उसकी जांच शुरू कर दी है.