MP News: Indore में नाबालिग बेटी देगी पिता को लीवर, बेटी की जिद के आगे झुका सिस्टम, हाईकोर्ट की अनुमति के बाद ट्रांसप्लांट का रास्ता साफ
MP News: बेटी का पहला हीरो उसका पिता होता है, जिसे वह जीवन भर प्यार करती है. अपने पिता के लिए बेटियां कुछ भी न्यौछावर करने को तैयार रहती है. ऐसा ही कुछ 17 साल की नाबालिग बेटी ने किया है, जो अपने पिता की जान बचाने के लिए उन्हें अपना लीवर डोनेट करने जा रही है. अपने पिता की जान बचाने के लिए बेटी को कानूनी लड़ाई लड़ना पड़ी है, जिसमें हाइ कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद लीवर डोनेट करने के राह क्लीयर हो गई है. 5 बेटियो के पिता शिवनारायण बाथम पिछले 6 साल से लीवर की बीमारी से परेशान है. पेशे से किसान 42 साल के शिवनारायण की एक भी बेटी बालिग नहीं है. ऐसे में उनकी सबसे बड़ी बेटी जिसकी उम्र महज 17 साल 11 महीने है, अपने पिता की जान बचाने के लिए आगे आई और अपने लीवर का हिस्सा पिता को देने के लिए तैयार हो गई. शिवनारायण का इलाज कर रहे डॉक्टर्स ने जांच के बाद बेटी का लीवर उन्हें लगाए जाने की अनुमति दे दी. लेकिन बेटी के नाबालिग होने की वजह से मामले में कानूनी अड़चने आ गई. लीवर ट्रांसप्लांट के लिए शिवनारायण ने 13 जून को हाई कोर्ट की शरण ली. मामले की गंभीरता देखते हुए हाइ कोर्ट ने भी इसमें तेजी से सुनवाई की. इसके लिए हैंग कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड और कमेटी से रिपोर्ट मांगी.
शासन को लगाई फटकार
शिवनारायण की लगातार तबियत बिगड़ने और समय पर रिपोर्ट नहीं मिलने पर कोर्ट ने शासन को फटकार भी लगाई, जिसके बाद आनन फानन में मेडिकल बोर्ड और कमेटी ने नाबालिग बेटी की जांचनकर रिपोर्ट पेश की, जिसके आधार पर गुरुवार को हाई कोर्ट ने लीवर ट्रांसप्लांट की अनुमति दे दी. गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जस्टिस विशाल मिश्रा को कोर्ट में सुनवाई हुई है.
शुरू हुआ लीवर ट्रांसप्लांट का प्रोसेस
लीवर ट्रांसप्लांट के लिए गुरुवार को ही बेटी को एडमिट कर दिया गया है. 14 दिन चली लड़ाई के बाद आखिरकार बेटी की जिद के आगे सभी को झुकना पड़ गया और अब उसके पिता की जान बच जाएगी. विस्तार न्यूज सलाम करता है उस बेटी को जिसने अपने पिता के लिए अपनी जान को भी दांव पर लगा दिया.