Chhattisgarh: दुर्ग जिले से इन चार विधायकों में से किसी एक को मिल सकता है मंत्री पद, जानिए कौन रेस में है सबसे आगे?

Chhattisgarh News: भाजपा सरकार में दुर्ग जिले से चार विधायक होने के बावजूद एक भी मंत्री नहीं है, इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी दुर्ग जिले से इन चार विधायकों में से किसी एक को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते हैं.
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रिकेश सेन, ललीत चंद्राकर, डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, गजेन्द्र यादव

Chhattisgarh News: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में विस्तार की चर्चाएं जोरों पर चल रही है. छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल में दो मंत्रियों को शामिल किया जाना है. जिसमें बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद उनके मंत्री पद खाली हो गया है. इसके अलावा एक और मंत्री पद है जिसको पूरा करना है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के सभी विधायक अपने बड़े नेताओं से संपर्क कर रहे हैं और मंत्री बनने की जुगाड़ में लगे हुए हैं. उसी रेस में दुर्ग जिले से ऐसे चार विधायक है जो मंत्री की रेस में शामिल हैं.

दरअसल विधानसभा चुनाव के बाद दुर्ग जिले से भाजपा के चार विधायक बने हैं, जिनमें दुर्ग शहर से गजेंद्र यादव, दुर्ग ग्रामीण से ललित चंद्राकर, अहिवारा विधानसभा से डोमन लाल कोर्सेवाड़ा और वैशाली नगर विधानसभा से रिकेश सेन है. कांग्रेस की सरकार में दुर्ग जिले से मुख्यमंत्री समेत तीन मंत्री हुआ करते थे, और दुर्ग संभाग से 6 मंत्री हुआ करते थे. लेकिन भाजपा के सरकार में दुर्ग जिले से चार विधायक होने के बावजूद एक भी मंत्री नहीं है, इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी दुर्ग जिले से इन चार विधायकों में से किसी एक को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते हैं.

दुर्ग के वो विधायक जो मंत्रिमंडल में बन सकते हैं, शामिल

दुर्ग जिले से छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में शामिल होने में चारों विधायकों में से सबसे ऊपर दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव का नाम चल रहा है गजेंद्र यादव की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो गजेंद्र यादव के पिता स्वर्गीय बिसरा राम यादव आरएसएस के प्रांतीय संघ चालक रह चुके हैं वही गजेंद्र यादव साल 1999 से 2004 नगर निगम दुर्ग के पार्षद व शिक्षा विभाग प्रभारी रहे चुके है. इसके अलावा वे दुर्ग निगम के कचहरी वार्ड से पार्षद चुने गए थे. साथ ही स्काउट गाइड में प्रदेश सचिव और साल  2014 से 2018 तक स्काउट गाइड के राज्य मुख्य आयुक्त रहे. गजेंद्र यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े थे.

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ललित चंद्राकर का भी नाम या रहा सामने

वहीं दूसरे नंबर पर दुर्ग ग्रामीण विधानसभा से ललित चंद्राकर का नाम मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर चर्चा में चल रहा है. ललित चंद्राकर शहर व जिला भाजपा संगठन में कई पदों पर रह चुके हैं. वे जिला भाजपा दुर्ग के महामंत्री रह चुके है. इसके अलावा ललित चंद्राकर का बड़े नेताओं से अच्छे संपर्क है ऐसा कहा जाता है कि जब विधानसभा चुनाव चल रहा था तब किसी बड़े नेता ने ललित चंद्राकर को लेकर लोगों से कहा था कि आप लोग ललित चंद्राकर को जिताकर लाइए मैं इन्हें मंत्री बनाऊंगा.  ललित चंद्राकर साल 2003 से अपनी दावेदारी पेश करते रहे है लेकिन 2023 विधानसभा चुनाव में ललित चंद्राकर को पहली बार विधानसभा चुनाव का टिकट दिया गया और वह पहली बार लड़कर जीत कर आए हैं.

अहिवारा विधायक का न रेस में शामिल

वही दुर्ग जिले से अहिवारा विधानसभा से विधायक बने डोमन लाल कोर्सेवाड़ा का नाम तीसरे नंबर पर चल रहा है. डोमनलाल कोर्सेवाड़ा पेशे से शिक्षक है. कोर्सेवाड़ा साल 2008 में पहली बार अहिवारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. पार्टी ने साल 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें मौका नहीं दिया. लेकिन भाजपा संगठन के साथ-साथ अहिवारा विधानसभा क्षेत्र में लोगों के बीच जाकर काम करते रहे और अपनी सक्रियता को बनाए रखा.

रिकेश सेन के नाम की भी हो रही चर्चा

वही दुर्ग जिले के चार विधायकों में से सबसे आखरी और चौथे नंबर पर है वैशाली नगर के विधायक रिकेश सेन  भिलाई निगम में लगातार पांच बार के पार्षद है. उन्होंने साल 2000 में पार्षद का पहला चुनाव निर्दलीय जीता था. वे अलग-अलग वार्ड से चुनाव लड़कर जीतते रहे है. दो बार निर्दलीय तथा तीन बार भाजपा से चुनाव लड़ चुके है.   वे साल 2015 से 2020 तक भिलाई निगम में भाजपा पार्षद दल के नेता भी रहे है. रिकेश सेन भी पहली बार विधायक का चुनाव लड़े और वैशाली नगर विधानसभा से जीतकर आए हैं रिकेश सेन का कोई ज्यादा राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है वह अपने परिवार से इकलौते राजनीति में आए हुए हैं.

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