MP News: बीरबल की खिचड़ी बनी इंदौर जिला कोर्ट की नई बिल्डिंग, लेटलतीफी की वजह से बढ़ गई कई करोड़ रुपए लागत
MP News: इंदौर में शासकीय धन और समय की बरबादी कैसे करे यह कोई पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से सीखे. अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इंदौर में बनाई जा रही जिला कोर्ट की बिल्डिंग का काम एक बार फिर रुक गया है. ढाई साल में बनकर तैयार होने वाली कोर्ट बिल्डिंग 5 साल बाद भी आधी ही बन सकी है. देरी होने की वजह से इसकी लागत कई करोड़ रुपए और बढ़ गई है. कुछ दिन पहले तक काम कर रही कंपनी द्वारा फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से टेंडर हंसिल करने का खुलासा होने के बाद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने कंपनी के संचालकों पर एफआईआर दर्ज करवाई है. इंदौर जिला कोर्ट की नई बिल्डिंग बीरबल की खिचड़ी जैसी हो गई है. 5 साल से बन रही कोर्ट बिल्डिंग का निर्माण पूरा ही नहीं हो पा रहा. पीडब्ल्यूडी दो निर्माण एजेंसी बदल चुका है, फिलहाल काम बंद है. 2019 में पिपलियाहाना में इंदौर जिला कोर्ट की नई बिल्डिंग का निर्माण शुरू हुआ था. 9 मंजिला बिल्डिंग ढाई साल में बनकर तैयार होना थी.
लेकिन 5 साल बाद भी काम आधा ही हो सका है. 2019 में कोर्ट बिल्डिंग के निर्माण का ठेका नाशिक की हर्षा कंस्ट्रक्शन को दिया गया था. बिल्डिंग निर्माण के लिए 411 करोड़ रूपयो की प्रशासनिक स्वीकृति हुई थी, जबकि 319 करोड़ रुपए में हर्षा कंस्ट्रक्शन ने टेंडर लिया था. देरी होने की वजह से 2023 में पीडब्ल्यूडी ने हर्षा से अनुबंध ख़त्म कर लिया था. कोर्ट बिल्डिंग निर्माण के लिए हर्षा कंस्ट्रक्शन को 125 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए थे. इस कंपनी का अनुबंध निरस्त करने पर पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने कोई पेनल्टी नहीं लगाई. वकीलों ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप लगाए है. हर्षा का अनुबंध निरस्त करने के बाद पीडब्ल्यूडी ने टेंडर निकालकर 2023 में अहमदाबाद अर्कोन पॉवर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का 253 करोड़ रूपयो का टेंडर स्वीकृत किया था.
लेकिन अर्कोन के संचालकों ने फर्जी अनुभव पत्र देकर काम लिया था. अर्कोन के संचालकों ने उड़ीसा के बारीपाडा में 2021 में 138 करोड़ रुपए से मेडिकल कॉलेज बनाने का अनुभव पत्र प्रस्तुत किया था, लेकिन यह अनुभव पत्र फर्जी था. अर्कोन इंफ्रा ने यह काम किया ही नहीं था. इसकी कई शिकायते करने के बाद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने इसकी जांच की तो पत्र फर्जी पाया गया. बड़ी बात यह है कि टेंडर देते समय बन गारंटी की तो जांच की गई लेकिन अनुभव पत्र की जांच नहीं की गई.
3 संचालकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज
फर्जी अनुभव पत्र पाए जाने पर अधिकारियों ने अपनी गिरेबान बचाने के लिए अर्कोन इंफ्रा में तीन संचालकों सुधीर कुमार पराशर, कपिल कुमार शर्मा और अल्पेश भानुप्रताप सोलंकी के खिलाफ पलासिया थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने आरोपी कपिल कुमार शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य 2 आरोपी फरार है. एफआईआर में भी पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने जादूगरी कर दी है. इसमें षड्यंत्र की धारा 120 बी नहीं लगाई गई, जिससे अधिकारियों की मिलीभगत का खुलासा नहीं हो सकेगा.
380 करोड़ हो गई है लागत
यदि कोर्ट का निर्माण ढाई साल में हो जाता तो इसकी लागत शायद 319 करोड़ रुपए ही आती. लेकिन पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की वजह से अब तक लागत लगभग 380 करोड़ रुपए हो चुकी है. अब नए टेंडर के साथ लगत में और बढ़ोतरी होने की संभावना है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर कोर्ट की यह बिल्डिंग कब और कितने रुपए में बनकर तैयार होगी.