Chhattisgarh: सरगुजा में पटवारी ने ग्रामीण की जमीन को पत्नी के नाम पर कराया रजिस्टर्ड, कलेक्टर ने किया सस्पेंड

Chhattisgarh News: सरगुजा जिले में एक पटवारी का अजीब कारनामा सामने आया है. पटवारी ने एक ग्रामीण की जमीन को अपनी पत्नी के नाम पर खरीदने के लिए धोखे से रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करा लिया. एग्रीमेंट के बारे में जब ग्रामीण को पता चला तो उसने कलेक्टर के पास पहुंचकर इसकी शिकायत की. कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच के बाद पटवारी को सस्पेंड कर दिया गया है.
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Chhattisgarh News: सरगुजा जिले में एक पटवारी का अजीब कारनामा सामने आया है. पटवारी ने एक ग्रामीण की जमीन को अपनी पत्नी के नाम पर खरीदने के लिए धोखे से रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करा लिया. एग्रीमेंट के बारे में जब ग्रामीण को पता चला तो उसने कलेक्टर के पास पहुंचकर इसकी शिकायत की. कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच के बाद पटवारी को सस्पेंड कर दिया गया है. बता दें कि सरगुजा जिले के उदयपुर में कुछ दिन पहले एक एसडीएम ने रिश्वत के रूप में एक पीड़ित से उसकी जमीन को एक महिला के नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी करा लिया था.

मंगलवार को आयोजित कलेक्टर जनदर्शन में ग्राम जिवलिया निवासी मोहित राम के द्वारा कलेक्टर विलास भोसकर के समक्ष भूमि संबंधी गड़बड़ी की शिकायत की गई। कलेक्टर द्वारा इस मामले में तत्काल जांच करने एसडीएम धौरपुर नीरज कौशिक को निर्देशित किया गया। जिस पर एसडीएम धौरपुर ने त्वरित कार्यवाही करते हुए संबंधित पटवारी को निलंबित कर दिया है.

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जमीन की रजिस्ट्री में पटवारी ने की गड़बड़ी

जनदर्शन में शिकायत की गई थी कि पटवारी द्वारा छलकपट कर उनकी भूमि का बिक्री के लिए अपनी पत्नि के नाम से रजिस्टर्ड एग्रीमेंट बिना पैसे दिये करा लिया गया है.  इसके अतिरिक्‍त राजस्व निरीक्षक रघुनाथपुर के प्रतिवेदन व पंचनामा अनुसार पटवारी हल्का नंबर 16 डकई में पदस्थ पटवारी द्वारा कार्यालयीन समय में अक्सर पटवारी कार्यालय में नहीं रहने और ग्रामवासियों के आम समस्याओं के निराकरण में रूचि नहीं लेने का जिक्र किया गया है, वहीं सीमांकन प्रतिवेदन लंबित रखने, साथी राजस्व निरीक्षक से अनर्गल वाद विवाद करने, शासन व उच्च कार्यालय को भेजी जाने वाली जानकारियों को प्रस्तुत करने में अक्सर विलंब करने तथा ग्रामसभा के आयोजन में अनुपस्थित रहने का मामला भी सामने आया है.

पटवारी को किया गया सस्पेंड

पटवारी शिवराम एक्का के द्वारा किया गया उक्त कृत्य शासकीय सेवकों के आचरण के विपरीत होते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 (1),(क),(ख),(ग) एवं नियम तीन (3)(क), (घ),(डं),(च) के सर्वथा विपरीत होने के साथ ही सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9(1) (क) के तहत दण्डनीय है। फलस्वरूप एसडीएम धौरपुर ने कार्यवाही करते हुए उक्त पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय तहसील कार्यालय, लुण्ड्रा (धौरपुर) नियत किया गया है। निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

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