MP News: मुरैना के वीर सपूत अमर शहीद विवेक सिंह तोमर को मरणोपरांत मिला शौर्य चक्र सम्मान, पत्नी के छलक पड़े आंसू

MP News: कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की ओर से यह सम्मान शहीद की पत्नी रेखा तोमर को प्रदान किया गया.
Rekha Tomar, wife of martyr Havildar Vivek Singh Tomar, was awarded the Shaurya Chakra.

शहीद हवलदार विवेक सिंह तोमर की पत्नी रेखा तोमर को शौर्यचक्र प्रदान किया गया.

मनोज उपाध्याय- 

MP News: रूअर गांव के बलिदानी सपूत विवेक सिंह तोमर को शुक्रवार को वीरता पदक शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. ड्यूटी के दौरान असाधारण शौर्य का परिचय देते हुए अपने साथियों की रक्षा में प्राण गंवाने वाले विवेक सिंह को मरणोपरांत यह सम्मान देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह के दौरान प्रदान किया.

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने शहीद की पत्नी को दिया शौर्यचक्र

जानकारी के मुताबिक नई दिल्ली में शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने रूअर गांव के शहीद हवलदार विवेक सिंह तोमर की पत्नी रेखा तोमर को शौर्यचक्र प्रदान किया. कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की ओर से यह सम्मान शहीद की पत्नी रेखा तोमर को प्रदान किया गया. आयोजन में शौर्य चक्र के लिए शहीद विवेक सिंह का नाम पुकारा गया एवं उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया. आयोजन में मौजूद उनकी पत्नी रेखा तोमर को जब शौर्य चक्र राष्ट्रपति ने प्रदान किया तो उनकी आंखे नम हो गई. इस कार्यक्रम में शहीद की पत्नी के अलावा उनके दोनों बेटे भी शामिल हुए.

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सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हुए थे विवेक सिंह तोमर

राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह-2024 (चरण-1) में वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए. इस दौरान उप राष्ट्रपति जगदीश धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई अति विशिष्टजन शामिल हुए. दरअसल, रूअर गांव निवासी हवलदार विवेक सिंह तोमर सियाचिन ग्लेशियर में अपनी ड्यूटी कर रहे थे. इसी बीच 11 जनवरी 2023 दोपहर के समय तापमान नियंत्रण बिल्डिंग की मशीनरी में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिससे पूरी बिल्डिंग में धुंआ भर गया. विवेक सिंह तोमर ने सभी साथियों को बाहर निकाला और खुद भी बाहर आ गए. लेकिन इसके बाद वह इस खराबी को ठीक करने फिर बिल्डिंग में घुस गए. क्योंकि इस दिन ग्लेशियर का तापमान -52 डिग्री था. जिससे सभी जवानों को खतरा पैदा हो गया. विवेक सिंह इस धुंआ भरी बिल्डिंग में घुसकर मशीनरी को ठीक करने लगे, जिससे दम घुटने से उनकी हालत खराब हो गईं. उनके साथी उन्हें उठाकर अस्पताल की ओर पैदल ही निकल पड़े. इसी बीच विवेक सिंह शहीद हो गए. अमर शहीद विवेक सिंह तोमर की शहादत युग-युगांतर तक हम सभी को राष्ट्र सेवा की प्रेरणा प्रदान करती रहेगी.

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