Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले नीतीश का दांव, पूर्व IAS मनीष वर्मा की JDU में हुई एंट्री, माना जा रहा है CM का उत्तराधिकारी

पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा नालंदा जिले से आते हैं. राजनीतिक जानकारों ने वर्मा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी भी करार दिया है.
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पूर्व IAS मनीष वर्मा JDU में शामिल

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) लगातार अपना कुनबा बढ़ा रही है. इसी क्रम में ओडिशा कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा ने जेडीयू का दामन थाम लिया है. वो अब तक सीएम नीतीश कुमार के सलाहकार के रूप में काम कर रहे थे.

माना जा रहा है नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी

पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा नालंदा जिले से आते हैं. राजनीतिक जानकारों ने वर्मा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी करार दिया है. दरअसल, बैच 2000 के आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा 2012 तक ओडिशा में काम करते रहे. इसके बाद उन्हें इंटर स्टेट डेपुटेशन पर पांच साल के लिए बिहार लाया गया. सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें कई बड़ी जिम्मेदारियां दी. जब 2017 में वर्मा ने पांच साल की डेपुटेशन पूरी कर ली, फिर इसको एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया. वहीं, 2018 में जब वर्मा के ओडिशा जाने की बात शुरू हुई, तब उन्होंने वीआरएस ले लिया. इसके बाद सीएम नीतीश ने वर्मा को अपना सलाहकार बना लिया. बस तभी से वो मुख्यमंत्री के करीबी बन गए. दिलचस्प बात यह भी है कि मनीष वर्मा और नीतीश कुमार दोनों कुर्मी समाज से आते हैं.

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उधर, जेडीयू के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री जल्द ही वर्मा को संगठन महासचिव बना सकते हैं. हाल ही में नई दिल्ली में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने राज्यसभा सांसद संजय झा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था. इस बैठक में संगठन से जुड़ा एक अहम प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय कार्यकारिणी अपनी पूरी आस्था जताएगी और 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव उनकी अगुवाई में लड़ेगी.

पिछले चुनाव में NDA-महागठबंधन में हुई थी कड़ी टक्कर

बिहार विधानसभा 2020 में भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए 125 सीटों के साथ सत्ता बचाने में कामयाब रहा था, लेकिन सबसे अधिक नुकसान उठाने वाली पार्टी सीएम नीतीश कुमार की जदयू ही रही. जदयू 43 सीटों पर आ गई थी. वहीं, भाजपा 21 सीटों के फायदे के साथ 74 सीटों पर पहुंच गई. वहीं, राजद सबसे बड़ा दल बनकर उभरा, जिसे 75 सीटें मिलीं. उसके नेतृत्व वाले महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं.

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